काला रंग

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काले रंग की पेंसिल

काला रंग (अंग्रेज़ी: Black Colour) सभी रंगों में प्रधान रंग माना जाता है। यह सभी रंगों के सम्मिश्रण से तैयार रंग है, जो अन्य रंगों की सत्ता को नकारता है तथा विमुखता को व्यक्‍त करता है। काला रंग प्रतिशोध, घृणा तथा द्वन्द की ओर संकेत करता है। इस रंग को पसंद करने वाले व्यक्‍ति परिस्थितियों के विरुद्ध विद्रोह करने व हार न मानने की अभूतपूर्व क्षमता रखते है। तामसिक प्रवृत्ति का यह रंग सुरक्षात्मक कवच के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है। काले रंग का प्रयोग सर्दियों में भी अनुकूल रहता है।

वैज्ञानिक तथ्य

काले रंग को वैज्ञानिकों ने भी बहुत ही महत्त्वपूर्ण माना है। विज्ञान के अनुसार काला रंग अत्यधिक गर्मी प्रदान करने वाला होता है। यही कारण है कि सर्दियों के दिनों में काले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है, क्योंकि काला रंग सूर्य की गर्मी को अवशोषित कर लेता है और उसे बाहर जाने नहीं देता, जिस कारण शरीर गर्म बना रहता है। अक्सर ग्रामीण महिलाएँ खाना बनाते समय बर्तन की निचली सतह पर मिट्टी का लेप लगा देती हैं, जिससे बर्तन की निचली सतह आग के कारण काली हो जाती है, और वह अधिक मात्रा में आग की गर्मी को अवशोषित करती है। इस प्रकार बर्तन को अधिक मात्रा में गर्मी मिलती है और खाना भी शीघ्र तैयार हो जाता है।

धार्मिक परंपरा

भारत में हिन्दुओं की धार्मिक परंपरा में काले रंग को बहुत शुभ नहीं माना जाता। काले रंग को मृत्यु तथा शोक के साथ जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन भूत-प्रेतों से इस रंग को शक्ति के लिए जोड़ा जाता है। अर्थात् काला रंग गम्भीरता और रहस्य का प्रतीक भी है। प्राचीन इजिप्ट (मिस्त्र) में काला रंग जीवन और पुनर्जन्म का प्रतिनिधित्व करता रहा था। रंग स्पेक्ट्रम का सारा प्रकाश काला रंग सोख लेता है।

महानता का प्रतीक

काले रंग में महानता छिपी होती है। बल्कि दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि "महानता काले रंग में ही अधिक खिलती है"। धार्मिक ग्रंथों में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं मिलता कि भगवान श्रीकृष्ण, शिव या श्रीराम आदि ने कभी अपने काले होने का दुःख व्यक्त किया हो। महानता के रंग का काले रंग के साथ अद्भुत संयोग होता है। पीले रंग के सिंह पर महाकाली, सफ़ेद रंग के हिमालय पर विराजमान काले शिव और गले में काला नाग, काले चूहे पर बुद्धि के देवता काले हाथी का मस्तक धारण किए भगवान श्रीगणेश

मान्यता

  • हिन्दू धर्म में काले रंग को भगवान शनि देव का प्रिय बताया गया है। काला रंग तमस का कारक है। शनि देव प्राणियों के मन के तमस और मैल को दूर करके उसके भीतर ज्ञान का उजाला फैलाते हैं।
  • काला रंग काली को प्रिय है। काले वस्त्रों को धारण करने वाली माँ असुरों दुर्गुणों का नाश करती हैं।
  • प्राचीन भारत में कन्नौज के पश्चिम का प्रदेश श्याम कहलाता था।
  • भगवान शिव का विशेषण, नीलकंठ पक्षी, मोर को श्यामकंठ कहा है। श्याम अंग का अर्थ काला है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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