कोटिकापुर का उल्लेख जैन धर्म के ग्रंथ 'राजवलीकथा' में हुआ है। इसके अनुसार कोटिकापुर में अंतिम केवली श्री जंबुस्वामी का स्तूप स्थित था।[1] इसका अभिज्ञान अनिश्चित है।[2]