धनश्याम शुक्ल असनी, उत्तर प्रदेश के निवासी थे। बाद के समय में ये रीवा के नरेश के यहाँ दरबारी कवि नियुक्त हुए थे। फिर उसके बाद ये काशी के महाराज चेतसिंह के दरबार में आये। यहाँ इन्होंने ‘कवत्त-हजारा’ नामक काव्य ग्रंथ की रचना की थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।
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