जनजातीय इन्द्रवासी नृत्य

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जनजातीय इन्द्रवासी नृत्य

धरकार एक ऐसी जनजाति है जो मुख्य रूप से वाद्य यंत्र बनाकर अथवा डलिया, सूप बनाकर अपनी जीविका चलाती है।

  • जब यह जाति वाद्य यंत्र बनाती ही है तो नाचना गाना भी होता ही है।
  • पूर्वांचल के सोनभद्र सहित अन्य जनपदों में बांस के वनों के समीप निवास करने वाली यह जनजाति निशान (सिंहा), डफला, शहनाई, बांसुरी, ढोल, मादल बनाकर और बजाकर, झूम कर जाने कब से नाचती-गाती आ रही हैं।
  • विवाह, गवना, मेले-ठेलों में या फिर बाजारों में भी होली, दीपावली, दशहरा, करमा आदि पर्वों पर ये लोग इन्द्रवासी नृत्य करके सबको मुग्ध कर देते हैं।

इन्हें भी देखें: उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की संस्कृति


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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