ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार
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पूरा नाम | ज्ञानेश कुमार |
जन्म | 27 जनवरी, 1964 |
जन्म भूमि | उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | माता- सत्यवती गुप्ता पिता- डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता |
संतान | पुत्री- 02, पुत्र- 01 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | भारतीय प्रशासनिक अधिकारी |
पद | चुनाव आयुक्त- 4 मार्च, 2024 से पदस्थ |
शिक्षा | बीटेक, आइआइटी, कानपुर |
अन्य जानकारी | ज्ञानेश कुमार ने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। उनके गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद 370 हटा था। |
अद्यतन | 13:57, 16 मार्च 2024 (IST)
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ज्ञानेश कुमार (अंग्रेज़ी: Gyanesh Kumar, जन्म- 27 जनवरी, 1964, उत्तर प्रदेश) भारत के नवनियुक्त चुनाव आयुक्त हैं। इनके साथ ही सुखबीर सिंह संधू भी चुनाव आयुक्त बनाये गये हैं। ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। मई 2016 में उनको गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया था। वहीं मई 2022 में सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया। उस वक्त ज्ञानेश कुमार संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। उनके गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद 370 हटा था।
पढ़ाई में अव्वल
ज्ञानेश कुमार पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे। वाराणसी के क्वीन कॉलेज से हाईस्कूल और लखनऊ से यूपी बोर्ड के कॉलेज से इंटरमीडिएट में यूपी टॉप किया था। आइआइटी, कानपुर से बीटेक के बाद सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। वर्ष 1988 में केरल कैडर के आईएएस अधिकारी बने। त्रिवेंद्रम में बतौर डीएम पहली पोस्टिंग हुई थी। उनका छोटा बेटा मनीष आईआरएस अधिकारी और बेटी रोली जैन ने पीएचडी की है। रोली जैन के पति उपेंद्र जैन मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
सरकार के प्रतिनिधि
31 जनवरी 2023 को ज्ञानेश कुमार सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। वह 'श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' में सरकार के प्रतिनिधि हैं। अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप की जो मूर्ति लगी है, उस मूर्ति के निर्णायक मंडल में भी वह शामिल रहे। तीन तलाक, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय वह गृह मंत्रालय में सचिव थे। युद्धग्रस्त ईराक से केरल की 40 नर्सों को सुरक्षित वापस लाने का सफल ऑपरेशन भी उनकी बड़ी उपलब्धि थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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