तेलुगु साहित्य

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तेलुगु साहित्य का विकास आरंभिक 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य में हुआ, जिसमें तेलुगु दरबारी भाषा थी।

  • आंध्र प्रदेश राज्य में बोली जाने वाली द्रविड़ भाषा तेलुगु का रचना संसार है।
  • 19वीं शताब्दी से इस भाषा में उपन्यास जैसे पश्चिमी साहित्यिक स्वरूपों में भी प्रयोग किए गए।
  • 10वीं या 11वीं शताब्दी से रचित इस साहित्य में मुख्यतः काव्य और धर्मनिरपेक्ष व धार्मिक महाकाव्य हैं, जिनमें शतक (100 छंद) एक अत्यंत लोकप्रिय स्वरूप है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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