देव सावर्णि हिन्दू मान्यताओं तथा पौराणिक ग्रंथ के भागवत के अनुसार चौदह मनुओं में से तेरहवें मनु थे, जो कि चित्रसेन आदि के पिता थे। इस मन्वंतर के देवस्पति इंद्र थे। सुकर्मा, सुत्रामादि, देवगण, निमोंकादि ऋषि तथा योगेश्वर हरि के अवतार थे[1]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 236 |
- ↑ भाग. 8.13.30-32
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