बौद्ध धर्म में सर्वास्तिवाद दर्शन के प्रवर्तक गुरुओं एवं ग्रन्थकारों को धर्मत्रात कहते हैं। 'धर्मत्रात' का शाब्दिक अर्थ है- 'धर्म का रक्षक'।
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बौद्ध धर्म में सर्वास्तिवाद दर्शन के प्रवर्तक गुरुओं एवं ग्रन्थकारों को धर्मत्रात कहते हैं। 'धर्मत्रात' का शाब्दिक अर्थ है- 'धर्म का रक्षक'।
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