धर्मेन्द्र प्रधान
धर्मेन्द्र प्रधान
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पूरा नाम | धर्मेन्द्र देबेन्द्र प्रधान |
जन्म | 26 जून, 1969 |
जन्म भूमि | तलचेर, ओडिशा |
अभिभावक | पिता- देबेन्द्र प्रधान |
पति/पत्नी | मृदुला प्रधान |
संतान | दो- निशांत और नैमिशा |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्य काल | शिक्षा मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री- 7 जुलाई, 2021 से |
शिक्षा | मानवशास्त्र में स्नातकोत्तर |
विद्यालय | उत्कल विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | 'सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार', 'उत्कलमणि गोपाबंधु प्रतिभा सम्मान' (2002-2003) और 2013 में 'ओडिशा नागरिक पुरस्कार' |
अन्य जानकारी | धर्मेन्द्र प्रधान ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं जो उद्योग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। |
अद्यतन | 14:41, 10 जुलाई 2021 (IST)
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धर्मेन्द्र देबेन्द्र प्रधान (अंग्रेज़ी: Dharmendra Debendra Pradhan, जन्म- 26 जून, 1969, तलचेर, ओडिशा) भारत सरकार में वर्तमान 'शिक्षा मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री' हैं। इससे पहले वह 'पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्रालय' के कैबिनेट मंत्री बनाये गये थे, किंतु 7 जुलाई, 2021 को मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल के बाद उन्हें शिक्षा मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री बनाया गया है। धर्मेन्द्र प्रधान भारतीय जनता पार्टी से हैं और भारत के इतिहास में पहले ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने 31 मई, 2019 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था। धर्मेन्द्र प्रधान को 3 सितंबर, 2017 को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था। संसद सदस्य के रूप में वह राज्य सभा में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं और इससे पहले 14वीं लोक सभा के सदस्य थे।
परिचय
धर्मेन्द्र प्रधान का जन्म 26 जून, 1969 को ओडिशा के तालचेर शहर में हुआ था। उन्होंने ओडिशा में बीजू पटनायक के गढ़ में बीजेपी के पैर जमाने में अहम भूमिका निभाई। पूर्व केन्द्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री देबेन्द्र प्रधान के पुत्र धर्मेन्द्र प्रधान ने नरेन्द्र मोदी सरकार की घरेलू रसोई गैस उपलब्ध कराने की सबसे बड़ी सामाजिक पहल 'उज्ज्वला' को आगे बढ़ाया। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गरीब महिलाओं को रसोई गैस का कनेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया गया। इस योजना के जरिये भारतीय जनता पार्टी को ग्रामीण क्षेत्र में अपना आधार मजबूत करने में काफी मदद मिली।[1]
धर्मेन्द्र प्रधान ने वर्ष 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू किया था और उन्होंने सचिव के रूप में एबीवीपी की सेवा की है। उन्होंने बिहार में चुनाव प्रभारी के रूप में और कर्नाटक, उत्तराखण्ड, झारखंड और ओडिशा में पार्टी मामलों के प्रभारी के रूप में भी काम किया है।
परिवार
धर्मेन्द्र प्रधान के परिवार में उनकी धर्मपत्नी मृदुला प्रधान और दो बच्चे निशांत और नैमिशा हैं।
सुधारवादी उपाय
भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में धर्मेन्द्र प्रधान ने पिछले 5 वर्षों में अनेक सुधारवादी उपायों और पहलों को कार्यान्वित किया है जिनमें विश्व की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना ‘पहल’ शामिल है। साथ ही 'गिव-इट-अप' अभियान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ, जिसका उद्देश्य संपन्न नागरिकों को अपनी एलपीजी राजसहायता जरूरतमंद लोगों के लिए छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना को 10 मिलियन से ज्यादा उपभोक्ताओं से शानदार समर्थन मिला। ग्रामीण भारत को तरलीकृत पेट्रोलियम गैस जैसे स्वच्छ ईंधन उपलब्ध करवा कर मजबूत बनाने की कोशिश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की महिलाओं को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।[1]
महत्त्वपूर्ण निर्णय
धर्मेन्द्र प्रधान ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं जो उद्योग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। धर्मेन्द्र प्रधान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के समर्थन से *एक नई हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति लागू की है जिसमें सभी प्रकार के हाइड्रोकार्बनों के अन्वेषण और उत्पादन हेतु एकीकृत लाइसेंसिंग, खुला रकबा नीति तथा स्वतंत्र विपणन और मूल्य निर्धारण जैसी व्यवस्थाओं से भारत में तेल और गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा तथा इस क्षेत्र में पर्याप्त निवेश होगा और साथ ही पर्याप्त रोजगार का सृजन होगा।
- कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री के रूप में धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने कार्यकाल (2017-2019) में भारतीय युवाओं में कौशल के अभाव को दूर करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने कुशल कार्मिकों को पुन: प्रशिक्षण देने और पहले से कुशल युवाओं को उच्च दर्जे का प्रशिक्षण देने जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए।
- भुवनेश्वर में उत्कल विश्वविद्यालय से मानवशास्त्र में स्नातकोत्तर धर्मेन्द्र प्रधान युवाओं से जुड़े अनेक मुद्दों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जिनमें बेरोजगारी, कौशलपरक शिक्षा के अभाव, किसानों के पुनर्वास आदि से संबंधित विषय शामिल हैं। उन्होंने ओडिशा में युवाओं को इस दिशा में प्रेरित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है।
पुरस्कार व सम्मान
समाज और पार्टी के लिए धर्मेन्द्र प्रधान के योगदान को देखते हुए उनको 'सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार', 'उत्कलमणि गोपाबंधु प्रतिभा सम्मान' (2002-2003) और 2013 में 'ओडिशा नागरिक पुरस्कार' प्रदान किए गए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आयोग (हिंदी) leum.nic.in। अभिगमन तिथि: 29 मार्च, 2020।
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