यह नारद जी की आराधना स्थली है। देवर्षि नारद इस स्थान पर कृष्ण की मधुर लीलाओं का गान करते हुए अधैर्य हो जाते थे। [1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देखह नारद कुण्ड नारद एई खाने। हैल महा अधैर्य कृष्णेर लीला गाने। (भक्तिरत्नाकर
यह नारद जी की आराधना स्थली है। देवर्षि नारद इस स्थान पर कृष्ण की मधुर लीलाओं का गान करते हुए अधैर्य हो जाते थे। [1]