नारायण तातू राणे
नारायण तातू राणे
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पूरा नाम | नारायण तातू राणे |
जन्म | 10 अप्रॅल, 1952 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | नीलम एन. राणे |
संतान | नीलेश, नितेश |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
पद | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री- 8 जुलाई, 2021 से मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र- 1 फ़रवरी, 1999 से 17 अक्टूबर, 1999 तह |
संबंधित लेख | महाराष्ट्र, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री |
अद्यतन | 15:31, 10 जुलाई 2021 (IST)
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नारायण तातू राणे (अंग्रेज़ी: Narayan Tatu Rane, जन्म- 10 अप्रॅल, 1952) भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में 'सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री' बनाये गए हैं। साल 1999 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में थोड़े समय के लिए वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। नारायण तातू राणे महाराष्ट्र में छह बार विधायक और एक बार एमएलसी रहे। उन्होंने उद्योग, राजस्व, बंदरगाह और पशुपालन जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभालने वाले कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया था। राणे 35 से अधिक वर्षों से विभिन्न क्षमताओं में सार्वजनिक सेवारत हैं।
कैबिनेट मंत्री
पांच बार के लोकसभा सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भी 'सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय' में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। एक सांसद के रूप में वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की कल्याण संबंधी समिति के सदस्य थे। कार्यभार संभालने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण तातू राणे ने प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व और एमएसएमई के प्रति उनके लगाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि एमएसएमई आर्थिक विकास, नवाचार और रोजगार के सबसे मजबूत चालकों में से एक है। इस आशाजनक क्षेत्र के सतत विकास के उच्च स्तर को सुनिश्चित करने के लिए नारायण तातू राणे ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान दोगुना करने और नौकरियों, निर्यात और समावेशी विकास से लाखों महत्वाकांक्षी लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए एमएसएमई की पूरी क्षमता को उन्मुक्त करने और बाधाओं को दूर करने के दृष्टिकोण पर काम करने की परिकल्पना की है।[1] नारायण तातू राणे 35 वर्षो से अधिक समय से विभिन्न पदों पर निर्वाचित कार्यालयों में जनता की सेवा कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 1971 से 1984 तक आयकर विभाग में कार्य किया था।
राजनीतिक कॅरियर
- नारायण तातू राणे ने 3 जुलाई, 2005 को शिवसेना छोड़ी और उसके बीस दिनों के बाद महाराष्ट्र विधानसभा से बाहर हो गए। उनके ऐसा करने के पीछे का कारण जाहिर तौर पर पार्टी और पार्टी मुखिया बाला साहेब ठाकरे द्वारा उन्हें दरकिनार करना था और उनके बेटे उद्धव ठाकरे का आगे बढ़ना था।
- इसके बाद बहुत विचार करने के बाद नारायण राणे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भर्ती हो गए और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री का पद प्राप्त किया, जो कि एक शक्तिशाली पद है।
- नारायण तातू राणे ने कोंकण क्षेत्र के अपने माल्वन सीट पर कांग्रेस की टिकट पर फिर से चुनाव की मांग की और शिवसेना की भारी टक्कर और आयोजित अभियान के बावजूद वे 50,000 से भी अधिक मत से जीते। यहां तक कि उन्होंने शिवसेना विधायक पार्टी को भी भंग कर दिया था और यह आशंका थी कि यह पार्टी राज्य में अपने कनिष्ठ साथी भारतीय जनता पार्टी को अपने विपक्ष के नेता का पद खो देगी। हालांकि, यह प्रवृत्ति उलटने लगी जब इनके उम्मीदवारों को लगातार शिकस्त प्राप्त होने लगी, क्योंकि शिवसेना ने घर-घर जाकर अपने चुनावी अभियान को तेज किया था।
- वर्ष 2007 मेंनारायण तातू राणे के उम्मीदवार मुंबई के विधानसभा उप-चुनाव में हार गए और वे मुंबई नगरपालिका चुनाव में भी किसी प्रकार का प्रभाव दिखाने में असमर्थ रहे, जहां शिवसेना और बीजेपी ने लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराया।
- दिसंबर, 2007 में, एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को सुरक्षित करने के प्रयास में नारायण तातू राणे अपनी ही पार्टी के आधिकारिक मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को चुनौती देने के चलते जनता के खिलाफ हो गए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ केंद्रीय मंत्री श्री नारायण तातू राणे और राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने आज सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कार्यभार संभाला (हिंदी) pib.gov.in। अभिगमन तिथि: 10 जुलाई, 2021।
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नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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