निशिकांत कामत

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निशिकांत कामत
निशिकांत कामत
निशिकांत कामत
पूरा नाम निशिकांत कामत
जन्म 17 जून, 1970
जन्म भूमि दादर, मुम्बई, महाराष्ट्र
मृत्यु 17 अगस्त, 2020
मृत्यु स्थान हैदराबाद, तेलंगाना
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र भारतीय सिनेमा
मुख्य फ़िल्में 'दृश्यम', ;रॉकी हैंडसम', 'हवा आने दे', 'मुम्बई मेरी जान', 'फोर्स', 'मदारी' और 'डोमिब्वली फ़ास्ट' आदि।
प्रसिद्धि फ़िल्म निर्देशक व अभिनेता
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी निशिकांत कामत ने साल 2016 में आई अपनी फ़िल्म ‘रॉकी हैंडसम’ में जॉन अब्राहम के अपोजिट निगेटिव रोल निभाया था।

निशिकांत कामत (अंग्रेज़ी: Nishikant Kamat, जन्म- 17 जून, 1970, मुम्बई, महाराष्ट्र; मृत्यु- 17 अगस्त, 2020) हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक और अभिनेता थे। उन्होंने 'दृश्यम', 'मुंबई मेरी जान' और 'मदारी' जैसी शानदार फ़िल्मों का निर्देशन किया था। उनकी पहली फ़िल्म 'डोमिब्वली फ़ास्ट' ने मराठी सिनेमा में खूब प्रसिद्धि दिलाई, क्योंकि यह 2005 साल की सबसे बड़ी मराठी फ़िल्म थी। निशिकांत कामत ने तमिल में आर. माधवन के साथ 'इवानो ओरुवन' के रूप में अपनी फ़िल्म की रीमेक भी बनाई। इस फ़िल्म को बेस्ट फीचर फ़िल्म मराठी का नेशनल अवॉर्ड मिला था।

परिचय

निशिकांत कामत का जन्म दादर, मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत मराठी फ़िल्म 'डोमिब्वली फ़ास्ट' से की थी। उन्हें इस फ़िल्म के राष्ट्रिय सम्मान से भी नवाजा गया। निशिकांत कामत ने अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता फ़िल्म 'हवा आने दो' से की थी। इसके बाद वह निर्देशन का रुख कर गए। उनकी फ़िल्म 'दृश्यम' में भी उन्होंने अभिनय किया।

‘दृश्यम’ से मिली शोहरत

बॉलीवुड में निशिकांत कामत को सबसे ज्यादा शोहरत साल 2015 में आई अजय देवगन, तब्बू और श्रेया सरन स्टारर फ़िल्म ‘दृश्यम’ ने दिलाई। बेहतरीन निर्देशक होने के साथ ही निशिकांत कामत शानदार अभिनेता भी थे। उन्होंने कई फ़िल्मों में एक्टिंग में भी हाथ आजमाए। वे 'हाथ आने दे', 'सतच्या आत घरात' (मराठी), '404: एरर नॉट फाउंड', 'रॉकी हैंडसम', 'डैडी', 'जूली-2', 'भावेश जोशी सुपरहीरो' जैसी फ़िल्मों में अभिनय भी किया। इनमें से साल 2016 में आई अपनी फ़िल्म ‘रॉकी हैंडसम’ में उन्होंने जॉन अब्राहम के अपोजिट निगेटिव रोल निभाया था। वे आखिरी बार हर्षवर्धन कपूर स्टारर फ़िल्म ‘भावेश जोशी सुपरहीरो’ में नजर आए थे।[1]

मुख्य फ़िल्में

निशिकांत कामत के जाने से फ़िल्म जगत में एक सूनापन पैदा हो गया है। उन्हें उनके निर्देशन में बनी कुछ शानदार फ़िल्मों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। एक नजर डालते हैं उनकी 5 शानदार फ़िल्मों पर, जिन्हें दर्शकों का बेशुमार प्यार मिला[2]-

मुंबई मेरी जान

साल 2008 में आई इस फ़िल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक बम ब्लास्ट का असर आम नागरिकों पर होता है। कैसे कुछ नापाक गुटों द्वारा रची साजिश का शिकार मासूम जनता हो जाती है और किस तरह से हिंदू-मुस्लिम के बीच में भेद पैदा होता है। किस तरह एक इंसान ही दूसरे मजहब के इंसान को नादानी में अपना दुश्मन मान बैठता है और भेद-भाव, ऊंच-नीच की भावना मन में जाग जाती है। कहानी में कई सारे दृष्टिकोणों को एक साथ बड़ी खूबसूरती से पिरोया गया था और जीवन की कड़वी सच्चाइयों को दिखाया गया था। फ़िल्म में के. के. मेनन, इरफ़ान ख़ान, आर. माधवन, सोहा अली ख़ान, और परेश रावल ने शानदार एक्टिंग की थी और इस फ़िल्म ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी।

फोर्स

फ़िल्म 'फोर्स' साल 2011 में आई एक एक्शन थ्रिलर फ़िल्म थी। फ़िल्म की खास बात ये थी कि इसमें अधिकतर स्टंट्स रियल में किए गए थे। फ़िल्म में बॉलीवुड के दो सबसे फिट एक्टर विद्युत जामवाल और जॉन अब्राहम के बीच में एक्शन सीक्वेंस देखने को मिले थे और इसी वजह से इस फ़िल्म ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। फ़िल्म में जेनेलिया डिसूजा और राज बब्बर भी अहम रोल में थे।

लाई भारी

फ़िल्म 'लय भारी' फ़िल्म निशिकांत कामत और एक्टर रितेश देशमुख के करियर के लिहाज से बेहद अहम थी। इस फ़िल्म के जरिए ही रितेश देशमुख ने मराठी सिनेमा में अपना डेब्यू किया था। फ़िल्म को मराठी सिनेमा की सबसे सक्सेसफुल फ़िल्मों में से एक माना जाता है। ये साल 2014 में मराठी सिनेमा में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों में से एक रही थी।

दृश्यम

अजय देवगन की इस फ़िल्म को भला कौन भूल सकता है। सस्पेंस का रोलर कोस्टर ये फ़िल्म आज भी लोग बड़े चाव से देखना पसंद करते हैं। फ़िल्म में अजय देवगन और तब्बू के बीच टक्कर देखने को मिली थी। इसकी कहानी को काफी पसंद किया गया था। फ़िल्म में तनुश्री दत्ता की छोटी बहन इशिता दत्ता भी अहम रोल में नजर आई थीं। इसको काफी अच्छी रेटिंग्स मिली थीं और इसके गानों को भी काफी पसंद किया गया था।

मदारी

सिस्टम के झोल और भ्रष्टाचार की मार झेलता एक आम आदमी जब किसी अपने को एक हादसे में खो देता है तो उसके अंदर का आक्रोश कितना खतरनाक हो सकता है ये इस फ़िल्म के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई थी। फ़िल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था। फ़िल्म में इरफ़ान ख़ान एक कॉमन मैन की भूमिका में रहते हैं जो एक हादसे में अपने बेटे को खोने के बाद बेकाबू हो जाते हैं। वे एक बड़े मंत्री के बेटे को किडनैप कर लेते हैं और समाज के सामने भ्रष्ट नेता की सच्चाई लाने के लिए एक चाल चलते हैं। उसी के इर्द-गिर्द फ़िल्म की पूरी कहानी को फ़िल्माया गया। फ़िल्म में इरफ़ान ख़ान के शानदार अभिनय की सभी ने तारीफ की और इसके गानों को भी खूब पसंद किया गया।

निशिकांत कामत की प्रमुख फ़िल्में
क्र. सं. वर्ष फ़िल्म भाषा
1. 2004 हवा आने दे हिन्दी
2. 2004 सातच्या आत घरात मराठी
3. 2005 डोंबिवली फास्ट मराठी
4. 2007 एवनों ओरुवन तमिल
5. 2008 मुंबई मेरी जान हिन्दी
6. 2011 404 फ़िल्म हिन्दी
7. 2011 फोर्स हिन्दी
8. 2014 लाई भारी मराठी
9. 2015 दृश्यम् हिन्दी
10. 2016 रॉकी हैंडसम हिन्दी

मृत्यु

निशिकांत कामत की मृत्यु 17 अगस्त, 2020 (सोमवार) को हैदराबाद के एक अस्पताल में हुई। अस्पताल द्वारा एक बयान जारी कर कहा गया कि सोमवार दोपहर से उनकी स्थिति बिगड़ने लगी थी और शाम 4.24 को उनका देहांत हो गया। अस्पताल का कहना था कि "बुख़ार और बेहद थकावट की शिकायत के बाद निशिकांत कामत को 31 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दो साल से लिवर सिरोसिस की शिकायत थी। इस कारण उन्हें एंटीबायोटिक के साथ-साथ दूसरी दवाइयां देना शुरू किया गया था। उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे उनका लिवर ख़राब होता गया और उनकी सेहत बिगड़ती चली गई। रविवार (16 अगस्त, 2020) को उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी और साथ ही उनका ब्लड प्रेशर भी कम होने लगा था। मल्टिपल ऑर्गन फेल्यर के कारण उनकी सेहत और बिगड़ी जिसके बाद उनकी मौत हो गई।"[3]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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