पुत्री दिवस
पुत्री दिवस
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विवरण | 'पुत्री दिवस' प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की बेटियों के लिए खास दिन होता है। |
तिथि | विभिन्न देश डॉटर्स डे अलग-अलग दिन मनाते हैं, लेकिन भारत में इसे सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। |
महत्त्व | अपनी बेटियों को किसी से कम न समझें। उनको भी बराबरी का हक दें। |
उद्देश्य | लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना तथा उनके मन से इस भ्रांति को दूर करना कि बेटियां समाज के लिए बोझ हैं। |
अन्य जानकारी | आज यह धारणा टूट रही है कि बेटियां, बेटों से किसी भी मामले में कमतर हैं। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लड़कियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है। |
पुत्री दिवस या 'बेटी दिवस' या 'डॉटर्स डे' (अंग्रेज़ी: Daughters Day) प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है, यह दिन बेटियों का है। विभिन्न देश डॉटर्स डे अलग-अलग दिन मनाते हैं, लेकिन भारत में इसे सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। जो वर्ष 2020 में 27 सितंबर को पड़ा है। यह दिन दुनिया भर की बेटियों के लिए खास दिन होता है। कहावत है कि बेटे वंश को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन घर की रौनक बेटियों की खिलखिलाहट से ही आती है।
क्यों मनाया जाता है
भारत विकास के रास्ते पर तेज़ीसे बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी कई हिस्सों में बेटियों को लेकर गलत धारणा है कि बेटियां परिवार पर एक बोझ की तरह हैं। उनके जन्म से ही परिवार को दहेज से लेकर तमाम चीजों की चिंता होने लगती है। कई बार बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। उन्हें घरेलू हिंसा, दहेज और दुष्कर्म आदि का शिकार होना पड़ता है। बेटियों को बचाने और उनके प्रति समाज में जागरूकता लाने के लिए ही इस दिवस की शुरुआत की गई।[1]
महत्त्व
डॉटर्स डे का महत्त्व यह है कि बेटियों को किसी से कम न समझें। उनको भी बराबरी का हक दें। इस दिन देश भर की बेटियों के सफलता को सराहा जाता है। भारत में यह दिन सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। भारत में डॉटर्स डे मनाने के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना गया ताकि माता-पिता अपनी बेटियों के साथ ज़्यादा समय बिता सकें और उनका यह दिन खास बना पाएं। आज भी दुनिया के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां महिला और पुरुष में फर्क किया जाता है। इसलिए कुछ देशों की सरकारों ने समानता को प्रोत्साहित करने के प्रयास में, बेटी दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किए जाने वाले त्यौहार मानने का फैसला लिया गया। सरकार की नज़र में हर इंसान बराबर है और लोगों को भी इस बात के लिए जागरूक करना ज़रूरी था।[2]
उद्देश्य
इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है। लोगों के मन से इस भ्रांति को दूर करना है कि बेटियां समाज के लिए बोझ है। इसके साथ ही बेटियों को जन्म से पहले मारना, घरेलू हिंसा, बेटियों को ना पढ़ाना, दहेज लेना जैसी बहुत सी रूढ़िवादी भ्रांतियों को दूर कर लोगों को इसके प्रति जागरूकता फैलाना है। बल्कि उन्हें यह समझाना है कि बेटियां हम सभी के घरों का एक अहम हिस्सा होती है।[3]
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
आज यह धारणा टूट रही है कि बेटियां, बेटों से किसी भी मामले में कमतर हैं। सरकार ने भी कई योजनाओं के माध्यम से लड़कियों की स्थिति को सुधारने का काम किया है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लड़कियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है। उनके शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
लिंगानुपात में सुधार
इस कारण लड़कियों के लिंगानुपात में भी सुधार आया है। यूनिसेफ की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में लड़कियों और लड़कों के लिंगानुपात की स्थिति बेहतर हुई है। प्राइमरी स्कूलों में लैंगिक अनुपात सुधरा है, जिससे बाल विवाह में कमी आई है और किशोरावस्था में गर्भधारण के मामले आधे हुए हैं।
कैसे मनाएं 'डॉटर्स डे'
अगर आप एक बेटी के पिता या अभिभावक हैं तो आप इस दिन अपनी बेटी को कुछ ख़ास महसूस कराने के लिए उसके पसंद की चीजें करें। उसे कोई किताब या उसकी पसंद की कोई चीज़ उपहार में दें। आप चाहें तो घर पर उसकी पसंद का कुछ भोजन आदि बना सकते हैं। इस दिन आप अपनी बेटियों को आशीर्वाद देकर उनके सफल जीवन की कामना कर सकते हैं। उनके विचारों को गले लगा सकते हैं, और उन्हें बता सकते हैं कि आप उन पर कितना गर्व करते हैं।
संदेश
बेटियों के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, संस्कार अति जरूरी हैं और जब बेटियों को सही संस्कार मिलेंगे, तो बेटियां केवल अपने माता-पिता का ही नहीं, अपितु आपके कुलों का व सारे समाज का नाम भी रोशन कर सकती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कब है डॉटर्स डे? जानिये- इससे जुड़ी खास बातें (हिंदी) jansatta.com। अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2020।
- ↑ बेटियां होती है अनमोल (हिंदी) enavabharat.com। अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2020।
- ↑ डॉटर्स डे 2020 (हिंदी) exclusivesamachar.com। अभिगमन तिथि: 28 सितंबर, 2020।