पुरूजित अथवा 'पुरूजीत' हिन्दू महाकाव्य महाभारत के अनुसार कुंतिभोज का पुत्र तथा पाण्डवों की माता कुंती का भाई था।[1] यह कुरुक्षेत्र के युद्ध में लड़ा था।[2]
- पुरूजित पाण्डवों का मामा था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में उसने पाण्डवों की ओर से युद्ध किया और अपने पुत्रों के साथ कई कौरव योद्धाओं को परास्त किया।
- महाभारत के युद्ध में पुरूजित तथा उसके दो भाई- 'धृष्टकेतु' और 'वृहद्क्षत्र' का वध युद्ध के 14वें दिन द्रोणाचार्य के हाथों हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
पौराणिक कोश |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संपादन: राणा प्रसाद शर्मा |पृष्ठ संख्या: 314 |
- ↑ महाभारत सभापर्व 14-16-17
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