पूर्वोत्तर भारत

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पूर्वोत्तर भारत अथवा उत्तर पूर्वी भारत भारत के सर्वाधिक पूर्वीय क्षेत्रों की ओर संकेत करता है जिसमे एक साथ जुड़े सेवन सिस्टर्स[1] के नाम से प्रसिद्ध राज्य, सिक्किम और उत्तरी बंगाल के कुछ भाग (दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार के जिले) शामिल हैं।

  • भारत की सीमाओं के अंदर कहीं दूसरा देश बसता है, तो वह है पूर्वोत्तर। चीन की संस्कृति से प्रभावित लेकिन रहन-सहन भारतीयता से परिपूर्ण और बदला-बदला सा खानपान इस बात का अहसास कराता है।
  • हर राज्य की अपनी अलग संस्कृति है, संगीत में भी कई विविधताएँ हैं। पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के अन्य राज्यों से भिन्न है। भाषा की दृष्टि से यह क्षेत्र तिब्बती-बर्मी भाषाओं के अधिक प्रचलन के कारण अलग से पहचाना जाता है।
  • इस क्षेत्र में वह दृढ़ जातीय संस्कृति व्याप्त है जो संस्कृतिकरण के प्रभाव से बची रह गई थी। इसमें विशिष्ट श्रेणी के मान्यता प्राप्त आठ राज्य भी हैं।
  • इन आठ राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 1971 में नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) का गठन एक केन्द्रीय संस्था के रूप में किया गया था, नॉर्थ ईस्टर्न डेवेलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (NEDFCL) का गठन 9 अगस्त 1995 को किया गया था और उत्तरपूर्वीय क्षेत्र विकास मंत्रालय का गठन सितम्बर 2001 में किया गया था।

राज्य

उत्तरपूर्वीय राज्यों में सिक्किम 1947 में एक भारतीय संरक्षित राज्य और 1975 में एक पूर्ण राज्य बन गया। पश्चिम बंगाल में स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर जिसकी औसत चौड़ाई 21 किलोमीटर से 40 किलोमीटर के बीच है, उत्तरपूर्वीय क्षेत्र को मुख्य भारतीय भू-भाग से जोड़ता है। पूर्वोत्तर भारत में भारत के आठ राज्य आते हैं जो निम्नलिखित हैं-

  1. असम
  2. अरूणाचल प्रदेश
  3. मणिपुर
  4. नागालैण्ड
  5. मिज़ोरम
  6. त्रिपुरा
  7. मेघालय
  8. सिक्किम


इन्हें भी देखें: दक्षिण भारत, पूर्वी भारत, पश्चिम भारत एवं उत्तर भारत


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, मिज़ोरम, त्रिपुरा और मेघालय राज्यों के समूह को 'सेवन सिस्टर्स' कहा जाता है।

बाहरी कड़ियाँ

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