भैरव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
भैरव एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- भैरव (बहुविकल्पी)

भैरव का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के उल्लेखानुसार ये भगवान श्रीकृष्ण के दाहिने नेत्र से प्रकट हुए थे।

  • ये हाथों में त्रिशूल और पट्टिश लिये हुए थे तथा इनके तीन नेत्र थे और मस्तक पर चन्द्राकार मुकुट धारण करते थे।
  • भैरव विशालकाय तथा दिगम्बर तथा प्रज्वलित अग्निशिखा के समान थे।[1]
  • भैरव शिव के समान ही तेजस्वी थे। भैरव के आठ रूप माने गये हैं, जो कि निम्न हैं-
  1. रुरुभैरव
  2. संहारभैरव
  3. कालभैरव
  4. असितभैरव
  5. क्रोधभैरव
  6. भीषणभैरव
  7. महाभैरव
  8. खटवांगभैरव


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ब्रह्मवैवर्त पुराण |प्रकाशक: गोविन्द भवन कार्यालय, गीताप्रेस गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 36 |

संबंधित लेख