मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान

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मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान, जैसलमेर

मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान राज्य के जैसलमेर शहर के थार मरुस्थल में स्थित है। यह थार रेगिस्तान और उसके समृद्घ वन्य पशुओं के पारिस्थितिक तंत्र का एक उदाहरण है। उद्यान का अधिकांश भाग नमक की झीलों की तलहटी और कंटीली झाड़ियों से पूर्ण है। मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान की अधिकतर भूमि बंजर है। डायनासोर के 60 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म भी यहीं पाये गए थे। मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों को देखने के लिये 'सुदश्री जंगल पोस्ट' सबसे अच्छी जगह है।

भौगोलिक क्षेत्रफल

राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र है। उद्यान का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा रेत के टीलों से घिरा हुआ है, जिसमें पत्थर, पेवमेंट व छोटे-छोटे नमक के तालाब और स्थायी रेत के टीले शामिल हैं। 3000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान मरुभूमि की वनस्पति, रेतीले भू-भाग और वन्य जीव के लिए विख्यात है। जैसलमेर ज़िले में 1900 वर्ग कि.मी. तथा बाड़मेर ज़िले में 1262 वर्ग कि.मी., यह क्षेत्रफल इन दोनों ज़िलों के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 4.33 प्रतिशत, राजस्थान प्रदेश की मरुभूमि का 2.1 प्रतिशत तथा भारतवर्ष के थार मरुस्थल का 1.6 प्रतिशत है।

वनस्पति

इस क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियाँ एवं प्राणी बहुमूल्य धरोहर हैं। यह बड़ी छिपकलियों की विशिष्ट प्रजातियों, बिच्छुओं एवं साँपों आदि के लिए प्रसिद्ध है। अनूठी वनस्पतियों और पशुओं की विभिन्न प्रजातियाँ यहाँ पर पाई जाती हैं। यहाँ पर वनस्पतियों और पशुओं को देखने का सबसे उत्तम स्थान 'सुदाश्री वन चौकी' है। इस राष्ट्रीय उद्यान में राजबाग़ झील, मलिक तलाब झील और पदम तलाब झील प्रमुख हैं।

जीव जंतु

इस राष्ट्रीय उद्यान की झीलें ही यहाँ पर जल का प्रमुख स्रोत हैं। उद्यान में चील, बाज, शिकारी पक्षी और गिद्ध आसानी से देखे जा सकते हैं। रेगिस्तान का शाही तीतर, बटेर, मधुभक्षी भरत पक्षी भी यहाँ सर्वत्र देखे जा सकते हैं। वन्यजीवों में 'ब्लैक बक' (काला हिरण), चिंकारा, रेगिस्तानी लोमड़ी, बंगाल लोमड़ी, भारतीय भेड़िया, रेगिस्तानी बिल्ली, खरगोश आदि पाए जाते हैं। मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान में साँप भी खूब पाए जाते हैं। अनेक प्रकार की छिपकलियाँ, गिरगिट, रूसेल वाइपर, करैत जैसे ज़हरीले साँप भी यहाँ पाए जाते हैं।

सूर्योदय के साथ ही जल स्रोत के आसपास रेत के कीड़े आने लगते हैं। सुबह-सुबह में ग्रे तीतर की आवाज़ें भी सुनाई देती है। जल स्रोत के पास आमतौर पर पाये जाने वाले पक्षियों में नीली पूछ और ग्रीन बीटर, सामान्य और झाड़ी बटेर व इंड़ियन रोलर हैं। पार्क ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का भी घर है। राजस्थान के इस प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान में संलग्नक सुधासरी की यात्रा करने के लिये उद्यान के कार्यालय और ज़िला मजिस्ट्रेट, जैसलमेर के कार्यालय से पूर्व अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है।


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