मीर बख़्शी

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मीर बख़्शी मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में एक बड़ा अधिकारी होता था। इसके पास ‘दीवान आजिर’ के समस्त अधिकार होते थे। मुग़लों की मनसबदारी व्यवस्था के कारण यह पद और भी महत्त्वपूर्ण हो गया था।

  • मीर बख़्शी द्वारा ‘सरखत’ नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर महीने का वेतन मिल पाता था।
  • इसके दो अन्य सहायक ‘बख़्शी-ए-हुज़ूर' व 'बख़्शी-ए-शहगिर्द' थे।
  • मनसबदारों की नियुक्ति, सैनिकों की नियुक्ति, उनके वेतन, प्रशिक्षण एवं अनुशासन की ज़िम्मेदारी व घोड़ों को दागने एवं मनसबदारों के नियंत्रण में रहने वाले सैनिकों की संख्या का निरीक्षण आदि ज़िम्मेदारी का निर्वाह मीर बख़्शी को करना होता था।
  • प्रान्तों में नियुक्त ‘वकियानवीस’ मीर बख़्शी को सीधे संन्देश देता था।


इन्हें भी देखें: मुग़ल काल, मुग़ल साम्राज्य, मुग़ल वंश, मुग़लकालीन सैन्य व्यवस्था एवं मुग़लकालीन शासन व्यवस्था


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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