मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी
| |
पूरा नाम | मुरली मनोहर जोशी |
जन्म | 5 जनवरी, 1934 |
जन्म भूमि | दिल्ली, भारत |
अभिभावक | पिता- मनमोहन जोशी, माता- चन्द्रावती जोशी |
पति/पत्नी | तारला जोशी |
संतान | दो पुत्री- प्रियामावड़ा जोशी एंव नेविदता जोशी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, |
कार्य काल | मानव संसाधन विकास मंत्री - 1998 से 2004 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री - 19 मई 1999 – 22 मई 2004 |
शिक्षा | एम.एस.सी (भौतिक) |
विद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
बाहरी कड़ियाँ | सन 1996 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार 13 दिनों के लिए बनी थी, तब मुरली मनोहर जोशी ने देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाली और 13 दिनों के लिए वह गृहमंत्री रहे। |
अद्यतन | 17:10, 15 फ़रवरी 2020 (IST)
|
मुरली मनोहर जोशी (अंग्रेज़ी: Murli Manohar Joshi, जन्म- 5 जनवरी, 1934, दिल्ली) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं। वह 1991 से 1993 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री भी नियुक्त किये गए थे। मुरली मनोहर जोशी को 'पद्म विभूषण' और दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भी मिल चुका है। इन्हेंं ज्यादातर लोग इनकी हिंदू सामाजिक राजनीति और अभिन्न मानवता की नीतियों और सोच के लिए जानते हैं। मुरली मनोहर जोशी छठी, ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं, पंद्रहवीं और सोलहवीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
प्रारम्भिक जीवन
मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी, 1934 को दिल्ली में हुआ था। उनका पैतृक गाँव उत्तराखंड के कुमायूँ क्षेत्र में है। जोशी जी के पिता का नाम मनमोहन जोशी एंव माता का नाम चन्द्रावती जोशी था। मुरली मनोहर जोशी का विवाह 13 दिसंबर 1966 को तारला जोशी से हुआ। इनकी दो बेटियां- प्रियामावड़ा जोशी एंव नेविदता जोशी है।
शिक्षा
मुरली मनोहर जोशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा, उत्तराखंड से की। स्नातक की पढ़ाई के लिये वे मेरठ कालेज गये और वहां से स्नातक की डिग्री हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिये जोशी जी इलाहाबाद चले गए और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परस्नातक में एम.एस.सी (भौतिक) की डिग्री हासिल की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ही आगे अपने अध्ययन को बढ़ाते हुये डॉक्टरेट की उपाधि हासिल क्वी। उनका शोध का विषय स्पेक्ट्रोस्कोपी था और उन्होंने हिन्दी भाषा में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। वह हिंदी भाषा में प्रस्तुत करने वाले प्रथम शोध छात्र थे।
1958 में इलाहाबाद विश्वविद्याल्य से डी.फिल. की उपाधि ग्रहण की। इलाहाबाद विश्वविद्याल्य में प्रवक्ता बनकर अध्यापन के क्षेत्र में उतरे। 1994 में प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष (भौतिक विज्ञान) पद से सेवानिवृत हुए। 1944 से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। 1949 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।[1]
राजनीतिक जीवन
1957 में मुरली मनोहर जोशी ने भारतीय जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की। आर.एस.एस. से प्रतिबन्ध हटाने के लिए सत्याग्रह करने पर 1948 में बंदी बनाए गए। इन्दिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में आपातकाल में 26 जून, 1975 से 1977 तक ‘मीसा’ के अन्तर्गत बन्दी रहे। 1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय से पहले प्रदेश सचिव और उपाध्यक्ष रहे। युवा अवस्था से ही मुरली मनोहर जोशी का राजनीति की तरफ झुकाव रहा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ही अपने प्राध्यापक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ़ रज्जू भैया के मार्गदर्शन में आने के कारण कुछ समय में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और गौ रक्षा सम्बन्धी आंदोलनों में भागेदारी की।
सन 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई तो मुरली मनोहर जोशी ने पूरा आगे आकर सहयोग किया और फिर उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। 1996 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार 13 दिनों के लिए बनी थी, तब मुरली मनोहर जोशी ने देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाली और 13 दिनों के लिए वह गृहमंत्री रहे। जब भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की स्थापना की तो जोशी जी ने मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने कानपुर, बनारस और इलाहाबाद जैसे शहरों में अपने एक अच्छे व्यक्तित्व के बदले चुनाव में जीत दर्ज की। 2004 के लोकसभा चुनाव में वे जीत हासिल न कर सके। 2014 के लोकसभा चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने बनारस से चुनाव जीता। बाद में उनको इस सीट को नरेंद्र मोदी के लिए खाली करना पड़ा और कानपुर से फिर चुनाव लड़े और 2.23 लाख की भारी अंतर से जीत हासिल की।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहते इन्होंने सन 1992 में कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘एकता यात्रा’ की और आतंकवाद के गहरे साए में 15 अगस्त को श्रीनगर (कश्मीर) के लाल चौक में राष्ट्रीय झण्डा फहराया।
सम्मान
2017 में मुरली मनोहर जोशी को 'पद्म विभूषण' के पुरस्कार से समानित किया गया।
मुख्य राजनीतिक तथ्य
- 1998 - समाजवादी पार्टी के नेता श्यामचरण को 33,290 वोटों से हराकर इलाहबाद से चुनाव जीते।
- 1999 - चौथी बार चुनाव जीतते हुए जोशी जी ने इलाहबाद से कुमार रेवती रमन को 70,331 वोटों से हराया।
- 2004 - राज्यसभा में दुबारा चुने गये।
- 2009 - 15वीं लोकसभा में वाराणसी से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के मुख्तार अंसारी को 17,211 वोटों से हराया।
- 2014 - वराणसी की सीट नरेंद्र मोदी के लिए छोड़कर कानपुर से चुनाव लड़े और यहाँ प्रकास जायसवाल को 2,22,946 वोटों से हराया।[2]
सदस्यता
- राज्य सभा, 1992
- केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, (एक) गृह, 16 मई-1 जून 1996, (दो) मानव संसाधन विकास, 19 मार्च, 1998-13 अक्टूबर 1999, (तीन) अतिरिक्त प्रभार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, 19 मार्च 1998-13 अक्टूबर 1999, (चार) अतिरिक्त प्रभार, महासागर विकास, 3 फरवरी 1999, (पांच) मानव संसाधन विकास तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, 13 अक्टूबर 1999 से पदासीन, और (छह) अतिरिक्त प्रभार, महासागर विकास, 22 नवम्बर 1999 से।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मुरली मनोहर जोशी (हिंदी) umjb.in। अभिगमन तिथि: 15 फरवरी, 2020।
- ↑ मुरली मनोहर जोशी की जीवनी (हिंदी) hindipro.com। अभिगमन तिथि: 15 फरवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
- प्रारम्भिक अवस्था
- भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष
- भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिज्ञ
- राजनेता
- जीवनी साहित्य
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व
- चरित कोश
- राजनीति कोश
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश
- लोकसभा
- लोकसभा सांसद
- ग्यारहवीं लोकसभा सांसद
- बारहवीं लोकसभा सांसद
- तेरहवीं लोकसभा सांसद
- पंद्रहवीं लोकसभा सांसद
- सोलहवीं लोकसभा सांसद
- उत्तर प्रदेश के लोकसभा सांसद