यवक्रीत | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- यवक्रीत (बहुविकल्पी) |
यवक्रीत हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार भरद्वाज ऋषि के पुत्र एक ऋषि थे, जिसने घोर तप करके इंद्र को प्रसन्न किया, जिनके वर से इन्हें बिना अध्ययन के ही वेदों का ज्ञान प्राप्त हो गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 437 |
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