आचार्य यशोविजय विक्रम सम्वत 18वीं शती के प्रौढ़ तार्किक और नव्यन्याय शैली के महान् दार्शनिक हैं।
- इन्होंने निम्न तर्कग्रन्थ रचे हैं-
- अष्टसहस्री-तात्पर्यविवरण,
- जैन तर्कभाषा,
- न्यायलोक,
- ज्ञानबिन्दु,
- अनेकान्तव्यवस्था,
- न्यायखण्डनखाद्य,
- अनेकान्तप्रवेश,
- शास्त्रवार्तासमुच्चयटीका और
- गुरुत वविनिश्चय।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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