रामप्रसाद शर्मा 'महर्षि'

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रामप्रसाद शर्मा 'महर्षि'

रामप्रसाद शर्मा 'महर्षि' (अंग्रेज़ी: Ramprasad Sharma 'Maharshi' , जन्म- 7 मार्च, 1922; मृत्यु- नवम्बर, 2015) भारत के प्रसिद्ध कवि थे। 'महर्षि' उनका उपनाम था। 'नागफनियों ने सजाईं महफ़िलें' उनका प्रसिद्ध ग़ज़ल संग्रह है।

  • रामप्रसाद शर्मा का जन्म गोंडा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
  • उनकी कृतियाँ इस प्रकार हैं[1]-
ग़ज़ल संग्रह
  1. नागफनियों ने सजाईं महफ़िलें
प्रतिनिधि रचनाएँ
  1. उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ
  2. नाकर्दा गुनाहों की मिली यूँ भी सज़ा है
  3. इरादा वही जो अटल बन गया है
  4. मस्त सब को कर गई मेरी ग़ज़ल
  5. है भंवरे को जितना कमल का नशा
  6. यूँ पवन, रुत को रंगीं बनाये
  7. नाम दुनिया में कमाना चाहिये
  8. क्यों न हम दो शब्द तरुवर पर कहें
  9. जैसी तुम से बिछुड़ कर मिलीं हिचकियाँ
  10. जाम हम बढ़के उठा लेते उठाने की तरह


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रामप्रसाद शर्मा "महर्षि" (हिंदी) kavitakosh.org। अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2022।

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