लंपाक अफ़ग़ानिस्तान का ऐतिहासिक स्थान है। इस स्थान का वर्तमान 'लमग़ान' से अभिज्ञान किया गया है।
- इतिहासकार हेमचंद्र रायचौधरी के 'अभिज्ञान चिंतामणि' नामक कोश के उल्लेख से प्रकट होता है कि लंपाक में 'मुरुंड' या 'शक' लोग बसते थे-
'लंपाकास्तु मुरुंडास्युः।'
- प्रसिद्ध चीनी यात्री युवानच्वांग ने अपनी भारत यात्रा के दौरान इस स्थान को देखा था। युवानच्वांग ने इस स्थान को कपीसीन[1] से 100 मील पूर्व में बताया था।[2]
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