लोकसभा चुनाव

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लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता द्वारा मतदान देकर चुने गए प्रतिनिधियों से मिलकर लोकसभा बनी होती है जिन्हें वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुना जाता है। संविधान में उल्लिखित सदन की अधिकतम क्षमता 552 सदस्यों की है जिनमें 530 सदस्य राज्यों का व 20 सदस्य केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं और 2 सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदायों के प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है। ऐसा तब किया जाता है, जब राष्ट्रपति को लगता है कि उस समुदाय का सदन में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में लोकसभा का गठन हुआ।[1]

रोचक तथ्य

क्षेत्रफल के आधार पर भारत के 5 सबसे बड़े लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र-
  1. लद्दाख (जम्मू-कश्मीर) - 173266.37 वर्ग-किमी
  2. बाड़मेर (राजस्थान) - 71601.24 वर्ग-किमी
  3. कच्छ (गुजरात) - 41644.55 वर्ग-किमी
  4. अरुणाचल प्रदेश (पश्चिम) - 40572.29 वर्ग-किमी
  5. अरुणाचल प्रदेश (पूर्व) - 39749.64 वर्ग-किमी
क्षेत्रफल के आधार पर भारत के 5 सबसे छोटे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र-
  1. चांदनी चौक (दिल्ली) - 10.59 वर्ग-किमी
  2. कोलकाता उत्तर पश्चिम - 13.23 वर्ग-किमी
  3. मुंबई दक्षिण - 13.73 वर्ग-किमी
  4. मुंबई दक्षिण मध्य - 18.31 वर्ग-किमी
  5. दिल्ली सदर - 28.09 वर्ग-किमी
  • देश में कुल 1593 राजनीतिक दल हैं। जिसमें 53 क्षेत्रीय और 6 राष्ट्रीय दल हैं। इसके अतिरिक्त 1534 अन्य पंजीकृत दल हैं।
  • 2009 में 7 राष्ट्रीय दल, 34 क्षेत्रीय दल और अन्य 322 पंजीकृत मैदान में थे। इनमें से 11 क्षेत्रीय दलों एवं 314 पंजीकृत दलों के उम्मीदवार एक भी सीट नहीं जीत पाए।[2]

विशेष स्मरणीय बिंदु

  • निर्वाचन क्षेत्रों का क्षेत्रफल एक स्वतंत्र परिसीमन आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  • 25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी, 1952 तक हुए पहले आम चुनाव के बाद पहली बार 21 फरवरी 1952 को लोकसभा विधिवत् रूप से गठित की गई थी।
  • पहली लोकसभा का पहला सत्र 13 मई, 1952 को प्रारंभ हुआ था।
  • पहली लोकसभा, जिसका कार्यकाल 15 मई, 1952 से 27 फरवरी, 1956 तक था, उसके अध्यक्ष जी. वी. मावलंकर थे।
  • लोकसभा में 545 सदस्य होते हैं, जिनमें से 543 सदस्य सीधे राज्यों और संघीय राज्यों से चुनकर आते हैं। दो सदस्यों का चयन भारतीय राष्ट्रपति द्वारा आंग्ल भारतीय समुदाय से किया जाता है।
  • एक साल में लोकसभा के तीन सत्र बुलाए जाते हैं। पहला सत्र (बजट सत्र) फरवरी से मई तक, दूसरा सत्र (मॉनसून सत्र) जुलाई से अगस्त तक तथा तीसरा सत्र (शीतकालीन सत्र) नवंबर से दिसंबर तक।
  • आमतौर पर सदन में बैठक का पहला घंटा प्रश्नों और उत्तरों के लिए होता है, जिसे 'प्रश्न काल' कहा जाता है।
  • लोकसभा टीवी, लोकसभा का अपना चैनल है, जिसका मुख्यालय संसद के प्रांगण में ही है।

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर

  • लोकसभा संसद का निचला सदन होता है, जबकि राज्यसभा ऊपरी सदन कहलाता है।
  • लोकसभा में अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं, वहीं राज्यसभा में 250 सदस्यों की गुंजाइश होती है।
  • लोकसभा में कुछ सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जा सकते हैं। इसी प्रकार राज्यसभा की सदस्यता के लिए भी राष्ट्रपति द्वारा सदस्यों को नामित किया जा सकता है। इन सदस्यों का नामांकन कला, विज्ञान, साहित्य और खेल के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता पर निर्भर करता है।
  • लोकसभा सदस्य चुने जाने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 तथा राज्यसभा के लिए 30 वर्ष होनी चाहिए।[2]


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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत में लोकसभा चुनाव का इतिहास (हिंदी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 1 जून, 2014।
  2. 2.0 2.1 लोकसभा चुनाव से जुड़ी रोचक जानकारियां (हिंदी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 1 जून, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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