विष्णुपद

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Disamb2.jpg विष्णुपद एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- विष्णुपद (बहुविकल्पी)

विष्णुपद नामक एक ऐतिहासिक स्थान का उल्लेख महरौली (दिल्ली) के लौह स्तंभ पर उत्कीर्ण संस्कृत अभिलेख में हुआ है, जहाँ मूलतः यह स्तंभ प्रतिष्ठित था-

'प्रांशुविष्णुपदे गिरौ भगवतो विष्णोर्ध्वज: स्थापितः।'

  • कहा जाता है कि यह विष्णुपद, विपाशा नदी के तट पर स्थित विष्णुपद ही है। दिल्ली के चौहान नरेश अनंगपाल ने इस स्तंभ को विष्णुपद से लाकर दिल्ली में स्थापित किया था।[1]
  • कुछ विद्वानों के मत में इस स्तंभ का मूल स्थान 'विष्णुपदगिरि' वास्तव में मथुरा के समीप गोवर्धन पर्वत है।
  • उपरोक्त दोनों ही अभिज्ञान अभी तक प्रमाणित नहीं हो सके हैं।[2]


इन्हें भी देखें: चौहान वंश, अनंगपाल एवं गोवर्धन


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जयचंद्र विद्यालंकार, उत्कीर्ण लेखांजलि,पृ. 15
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 865 |

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