वेलेंटाइन दिवस
वेलेंटाइन दिवस
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विवरण | वेलेंटाइन दिवस को संत वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहे वो मम्मी-पापा, भाई बहन, दोस्त ही क्यों ना हों। |
अन्य नाम | संत वेलेंटाइन दिवस |
तिथि | 14 फ़रवरी |
संत | संत वेलेंटाइन |
उत्पत्ति | रोम |
विशेष | जापान व कोरिया में इस पर्व को 'वाइट डे' के नाम से जाना जाता है, इतना ही नहीं इन देशों में इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं |
अन्य जानकारी | भारत में भी बीते दो दशकों से 'वेलेंटाइन डे' मनाने का प्रचलन काफ़ी बढ़ गया है। भारतीय युवा 'वेलेंटाइन डे' को धूमधाम से मनाने लगे हैं। युवा जोड़े एक-दूसरे को वेलेंटाइन कार्ड से लेकर तरह-तरह के महंगे उपहार देने लगे। |
वेलेंटाइन दिवस (अंग्रेज़ी: Valentine's Day) हर साल 14 फ़रवरी को मनाया जाता है। दुनिया के कई हिस्सों में इसे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार प्यार का त्यौहार है, जिसे हर प्रेमी जोड़ा अपने ढंग से मनाता है। इस दिवस को संत वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी, पति पत्नी एक-दूसरे को गिफ़्ट देते हैं। प्यार के इस दिन को उन सभी के साथ मनाया जा सकता है, जिनसे हम प्रेम करते हैं, चाहें वो मम्मी-पापा, भाई बहन, दोस्त ही क्यों ना हों। वैसे प्यार को सेलिब्रेट करने के लिए किसी ख़ास मौक़े की जरुरत नहीं पड़ती, जब चाहें लोग इसे मनाते हैं, लेकिन यह ख़ास दिन उन सभी लोगों के लिए है, जो अपनी भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में अपने प्रियजनों को बताना भूल जाते हैं कि वो उनसे कितना प्यार करते हैं। प्रेमी जोड़े को एक-दूसरे का वेलेंटाइन कहा जाता है।[1]
वेलेंटाइन का इतिहास
कहा जाता है कि रोम में तीसरी सदी में राजा क्लैडियस का शासन था। एस समय प्लेग से एक-दिन में 5000 लोगों की मौत हो गई। काफ़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के कारण रोमन सेना सैनिकों की कमी से जूझने लगी। राजा को और सैनिकों की ज़रुरत महसूस होने लगी। क्लैडियस का मानना था कि अविवाहित पुरुष अच्छे तरह से लड़ सकता है, इसलिए उसने सेना में परम्परागत विवाह पर रोक लगा दी। उस वक्त रोम में संत वेलेंटाइन पादरी थे या मध्य इटली के टेरनी में बिशप थे। वह रोमन राजा क्लैडियस के आदेश के ख़िलाफ़ थे। उन्होंने गुप्त रूप से सैनिकों का विवाह कराना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी जब राजा को हुई तो उसने उनकी मौत का फरमान सुना दिया।
संत वेलेंटाइन को गिरफ़्तार कर लिया गया। जब उनको मौत दी जानी थी। उससे पहले जेलर ऑस्टेरियस ने उनसे अपनी नेत्रहीन बेटी के लिए प्रार्थना करने को कहा। संत वेलेंटाइन के प्रार्थना करने से ऐसा चमत्कार हुआ कि उसकी बेटी की आंखों की रोशनी आ गई और वह देखने लगी। इससे प्रभावित होकर जेलर ने ईसाई धर्म अपना लिया।
14 फ़रवरी 269 ई. में संत वेलेंटाइन को मौत के घाट उतार दिया गया। फिर 496 ई. में पोप ग्लेसियस ने 14 फ़रवरी को 'सेंट वेलेंटाइन्स डे' घोषित कर दिया। समाज के लोगों के बीच आपसी प्यार व सद्भाव की कामना से शुरू हुआ वेलेंटाइन अब मुख्य रूप से प्रेमी जोड़ों के प्यार के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। भारत में भी बीते दो दशकों से वेलेंटाइन डे मनाने का प्रचलन काफ़ी बढ़ गया है। भारतीय युवा वैलेनटाइन डे को धूमधाम से मनाने लगे हैं। युवा जोड़े एक-दूसरे को वैलेनटाइन कार्ड से लेकर तरह-तरह के महंगे उपहार देने लगे हैं।[2]
विभिन्न देशों में
14 फ़रवरी को मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग तरह से और अलग-अलग विश्वास के साथ मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में तो इस दिन की रौनक अपने शबाब पर ही होती है, मगर पूर्वी देशों में भी इस दिन को मनाने का अपना-अपना अंदाज़होता है। जहां चीन में यह दिन नाइट्स ऑफ़ सेवेन्स प्यार में डूबे दिलों के लिए ख़ास होता है, वहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को वाइट डे के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं इन देशों में इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं का इज़हार करते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वेलेंटाइन डे का इतिहास गिफ़्ट आईडिया (हिंदी) www.deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 14 फ़रवरी, 2017।
- ↑ वेलेंटाइन डे: प्यार के इजहार का है ये दिन, जानिये इसे क्यों मनाया जाता है (हिंदी) zeenews.india.com। अभिगमन तिथि: 14 फ़रवरी, 2017।
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