शंकरगण
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(878 से 888 ई.)
- शंकरगण ने 878 से 888 के मध्य शासन किया।
- दक्षिणी कोशल के शासक को पराजित कर उसने पाली पर अधिकार कर लिया।
- उसकी मृत्यु के बाद इसके दो पुत्रों- बालहर्ष एवं चुवराज प्रथम में बालहर्ष का शासन अल्पकालीन रहा।
- उसके बाद युवराज प्रथम केयूर वर्ष की उपाधि धारण कर सिंहासन पर बैठा।
- उसने गौड़ एवं कलिंग को युद्ध में परास्त कर दिया।
- उसने लाट प्रदेश की भी विजय की।
- राजशेखर कृत 'सिद्धसालभंजिका' में युवराज को 'उज्जयिनी भुजंग' कहा गया है।
- युवराज प्रथम के राजदरबार में रहते हुए ही 'राजशेखर' में अपने दो ग्रंथों- 'काव्यमीमांसा' एवं 'विद्धसालभंजिका' की रचना की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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