शन्नो खुराना
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शन्नो खुराना
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पूरा नाम | शन्नो खुराना |
जन्म | 1927 |
जन्म भूमि | जोधपुर, राजस्थान |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय शास्त्रीय संगीत |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 2006 |
प्रसिद्धि | शास्त्रीय गायक और संगीतकार |
नागरिकता | भारतीय |
घराना | रामपुर-सहसवां |
अन्य जानकारी | शन्नो खुराना की गायन शैली में ख़्याल, तराना, ठुमरी, दादरा, टप्पा, चैती और भजन जैसी विधाएं शामिल हैं। |
अद्यतन | 17:33, 10 जनवरी 2022 (IST)
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शन्नो खुराना (अंग्रेज़ी: Shanno Khurana, जन्म- 1927) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के रामपुर-सहसवां घराने की एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक और संगीतकार हैं। वह उस्ताद मुश्ताक हुसैन ख़ान की शिष्या हैं। शन्नो खुराना दुर्लभ बंदिश और राग प्रदर्शन करने के लिए जानी जाती हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा सन 2006 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- शन्नो खुराना की गायन शैली में ख़्याल, तराना, ठुमरी, दादरा, टप्पा, चैती और भजन जैसी विधाएं शामिल हैं।
- जोधपुर में जन्मी शन्नो खुराना यहीं पर पली और बढ़ीं।
- उन्होंने 1945 में लाहौर में ऑल इंडिया रेडियो पर गाना शुरू किया था। बाद में दिल्ली चली गईं, जहां उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली और संगीत समारोहों में अपना गायन जारी रखा।
- शन्नो खुराना ने कैरागढ़ विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी और राजस्थान के लोक संगीत पर व्यापक शोध किया।
- सन 1991 में शन्नो खुराना को पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
- उसके बाद 2006 में पद्म भूषण दिया गया।
- साल 2002 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया, जो संगीत नाटक अकादमी, भारत की राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी द्वारा प्रदत्त प्रदर्शन कलाओं में सर्वोच्च सम्मान है।
- बाद के समय में शन्नो खुराना को संगीत नाटक अकादमी का बोर्ड सदस्य बनाया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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