शाहजी की ढेरी
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शाहजी की ढेरी पाकिस्तान स्थित एक ऐतिहासिक स्थान। यह स्थान पेशावर के 'लाहौरी दरवाजे' के बाहर स्थित है।[1]
- इस प्राचीन टीले के खंडहरों से मुख्यतः कुषाण शासक कनिष्क के काल (द्वितीय शती ई.) के बौद्ध अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ से प्राप्त अवशेषों में कनिष्क के काष्ठ निर्मित बृहत स्तूप के चिन्ह उल्लेखनीय हैं।
- बहुत समय तक यहाँ एक बौद्ध विद्यालय स्थित था।
- 10वीं शती ई. तक यहाँ के स्तूप के विषय में उल्लेख मिलते हैं। तब तक यह तीन बार जल चुका था। अंतिम बार महमूद ग़ज़नवी ने उसका नाम सदा के लिए मिटा दिया।
- शाहजी के ढेरी से गांधार मूर्तिकला के उदाहरण भी मिले हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 897 |