शिव पूजन सहाय
शिव पूजन सहाय (जन्म- 9 अगस्त, 1893, बिहार; मृत्यु- 21 जनवरी, 1963) पत्रकार एवं साहित्यकार थे। साहित्यिक पत्रकारिता और संस्मरण लेखन के क्षेत्र में आपका विशेष योगदान रहा है।
परिचय
हिंदीसेवी शिवपूजन सहाय का जन्म 9 अगस्त, 1893 ई. को बिहार के शाहाबाद जिले के उनवास ग्राम में हुआ था। उनकी औपचारिक शिक्षा हाई स्कूल तक ही हो पाई, परंतु अपने अध्यवसाय से उन्होंने अनेक भाषाओं और विषयों का ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने लिपिक और अध्यापक के रूप में कार्य आरंभ करके अपना अधिकांश जीवन पत्रकारिता और हिंदी में ग्रंथ रचना-कार्य को समर्पित किया। 1939 से 1949 तक छपरा के राजेंद्र कॉलेज में अध्यान का कार्य किया।[1]
साहित्यिक पत्रकारिता
शिव पूजन सहाय ने साहित्यिक पत्रकारिता और संस्मरण लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने आधुनिक हिंदी साहित्य की अनेक श्रेष्ठ कृतियों की भाषा संस्कार का काम भी किया है। पत्रकार के रूप में आप जिन पत्रों से संबद्ध रहे, उनमें प्रमुख हैं- आदर्श, समन्व, मतवाला, माधुरी, गंगा, बालक, साहित्य, हिमालय आदि। पुस्तक भंडार लहरिया सराय और बिहार राष्ट्रभाषा परिषद से आपके संचालन काल में अनेक स्तरीय ग्रंथ प्रकाशित हुए।
लेखन कार्य
शिव पूजन सहाय के लिखे ग्रंथों में प्रमुख इस प्रकार हैं-
- 'बिहार का विहार'
- 'विभूति'
- 'अर्जुन'
- 'भीष्म'
- 'दो घड़ी'
- 'माँ के सपूत'
- 'महिला महत्त्व'
- 'अन्नपूर्णा के मंदिर में', तथा 'आदर्श परिचय', उल्लेखनीय हैं।
'देहाती दुनिया' आपका बहुत चर्चित उपन्यास है। आपकी फुटकर रचनाओं को बिहार राष्ट्रभाषा परिषद ने 'शिव पूजन रचनावली' के नाम से चार खंडों में प्रकाशित किया है।
मृत्यु
हिंदीसेवी शिवपूजन सहाय का 21 जनवरी, 1963 ई. को निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 846 |
बाहरी कड़ियाँ
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