सरताज सिंह
सरताज सिंह
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जन्म | 26 मई, 1940 |
जन्म भूमि | बड़नगर, उज्जैन, मध्य प्रदेश |
अभिभावक | अवतार सिंह |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | 'भारतीय जनता पार्टी' |
पद | वनमंत्री, मध्य प्रदेश |
शिक्षा | स्नातक (1960) |
विद्यालय | 'दिल्ली विश्वविद्यालय' |
विशेष योगदान | सरताज जी ने एक सांसद के रूप में अपने संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में काफ़ी योगदान दिया है। |
अन्य जानकारी | आपने होशंगाबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 1989 से 1996 तक की अवधि में तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रामेश्वर नीखरा को लगातार हराया। |
अद्यतन | 2:39, 27 सितम्बर-2012 (IST) |
सरताज सिंह (अंग्रेज़ी: Sartaj Singh, जन्म- 26 मई, 1940, उज्जैन, मध्य प्रदेश) 'भारतीय जनता पार्टी' (भाजपा) के नेता हैं। वे मध्य प्रदेश की मौजूदा सरकार में 'वन विभाग' के मंत्री हैं चौदहवीं लोकसभा के भी वे सदस्य रह चुके हैं। वे होशंगाबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। सरताज सिंह ने तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी रामेश्वर नीखरा को लगातार पराजित किया था। 28 अक्टूबर, 2009 को उन्होंने मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण की और वे वनमंत्री नियुक्त किये गए।
जन्म तथा शिक्षा
सरताज सिंह का जन्म 26 मई, 1940 को बड़नगर, उज्जैन ज़िला (मध्य प्रदेश) में हुआ था। उनके पिता का नाम अवतार सिंह छतवाल था, जो कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के पश्चात् 1948 में रावलपिण्डी से इटारसी आ गये थे। 'दिल्ली विश्वविद्यालय' से 1960 में स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सरताज सिंह अपने परिवार के पैतृक व्यवसाय में लग गये। [1]
राजनीति में प्रवेश
सन 1962 में वे हरिविष्णु कामथ के सम्पर्क में आये। सरताज सिंह हरिविष्णु जी से बहुत प्रभावित हुए, जिसके फलस्वरूप वे राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। 1970 के इटारसी नगरपालिका चुनाव में वे एल्डरमैन चुने गये। सरताज सिंह जी सन 1971 में छ: माह तक नगरपालिका के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। 1975 में नगरपालिका चुनाव में वे अध्यक्ष चुने गये। बाद के दिनों में आपात काल की घोषणा हो जाने से वे कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके और जुलाई, 1975 से नवम्बर, 1976 तक 'मीसा' के अन्तर्गत निरूद्ध रहे। वे सन 1978 से 1980 तक इटारसी नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर रहे।
सफलता
सन 1985 के विधानसभा चुनाव में सरताज सिंह को पराजय का सामना करना पड़ा था, किंतु यह उल्लेखनीय है कि वे बहुत कम मतों से पराजित हुए थे। बाद के वर्ष सरताज जी के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुए। उन्होंने होशंगाबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 1989 से 1996 तक की लम्बी अवधि में तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी रामेश्वर नीखरा को लगातार हराया। 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह को भी उनसे हार का सामना करना पड़ा। सरताज जी ने 1999 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन सन 2004 में वह पुन: लोकसभा चुनाव में विजयी हुए।[1]
योगदान
सन 2008 में होशंगाबाद ज़िले के सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ा और कांग्रेस के प्रत्याशी एवं तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष हज़ारीलाल रघुवंशी को शिकस्त दी। सरताज सिंह ने एक सांसद के रूप में अपने संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में काफ़ी योगदान दिया है। ज़िले में खेलकूद गतिविधियों को उन्होंने प्रमुखता से प्रोत्साहित किया। क्षेत्र में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया।
विदेश यात्रा
संसदीय समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने नौ यूरोपीय देशों की यात्रा की। यू.एन.ओ. में भारतीय प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य के रूप में उन्होंने अमेरिका की यात्रा की। भारतीय औद्योगिक प्रतिनिधि मण्डल के सदस्य के रूप में भी सरताज सिंह जी चीन यात्रा पर गये।
वनमंत्री का पद
सरताज सिंह जी संसदीय कार्यकाल के दौरान 'रेलवे सलाहकार समिति', 'जल-थल-वायु परिवहन समिति', 'पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग समिति', 'प्रीविलेज समिति' और रेलवे कन्वेंशन समिति के सदस्य रहें। विधानसभा की आश्वासन समिति के सभापति एवं अन्य समितियों में भी वे सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 28 अक्टूबर, 2009 को मध्य प्रदेश में गठित मंत्रिमंडल के सदस्य की शपथ ली और वनमंत्री का पद ग्रहण किया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 सरताज सिंह (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
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