साइना नेहवाल
साइना नेहवाल
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पूरा नाम | साइना नेहवाल |
जन्म | 17 मार्च, 1990 |
जन्म भूमि | हिसार, हरियाणा |
अभिभावक | हरवीर सिंह (पिता) |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | बैडमिंटन |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार |
विशेष योगदान | लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन में ऐसा करने वाली साइना नेहवाल भारत की पहली खिलाड़ी हैं। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | साइना नेहवाल बैडमिंटन की विश्व रैंकिग में शीर्ष स्थान पर पहुंचने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं। वर्तमान में नेहवाल महिला एकल में 16वें स्थान पर हैं। |
अद्यतन | 17:12, 29 अगस्त 2017 (IST)
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साइना नेहवाल (अंग्रेज़ी: Saina Nehwal, जन्म: 17 मार्च, 1990) भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साइना नेहवाल भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, पद्म भूषण और भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन में ऐसा करने वाली साइना नेहवाल भारत की पहली खिलाड़ी हैं। साइना बीजिंग ओलंपिक 2008 में भी क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थीं। वह विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं। साइना नेहवाल 28 मार्च, 2015 को दुनिया की नंबर वन रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई जब स्पेन की कैरोलिना मारिन यहां इंडिया ओपन सुपर सीरिज सेमीफाइनल में हार गईं।[1]
जीवन परिचय
साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च, 1990 को हिसार, हरियाणा में हुआ। माता-पिता दोनों ही बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण साइना नेहवाल की रुचि बचपन से ही बैडमिंटन में थी। उनके पिता हरवीर सिंह ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पूरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया। 8 वर्ष की आयु में ही बैडमिंटन खेलना शुरू करने वाली साइना नेहवाल को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, पद्म भूषण और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साइना का प्रारम्भिक प्रशिक्षण हैदराबाद के 'लाल बहादुर स्टेडियम' में कोच नानी प्रसाद के संरक्षण में हुआ।
खेल उपलब्धियाँ
- साइना नेहवाल ने वर्ष 2005 में 'एशियन सेटेलाइट बैडमिंटन जूनियर चेक ओपन' का ख़िताब जीता।
- साइना नेहवाल दो बार सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में रनर-अप रहीं।
- 2005 में राष्ट्रमंडल युवा खेलों की स्पर्धा में उन्होंने सात पदक जीतने में सफलता प्राप्त की।
- साइना नेहवाल ने 2006 में 'एशियन सैटलाइट चैंपियनशिप' जीती।
- 2006 में मनीला में 'फिलीपिंस ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप' जीत कर इतिहास रच डाला।
- साइना का नाम विश्व इतिहास में 21 जून, 2009 को लिखा गया, जब उन्होंने 'इंडोनेशियाई ओपन' जीतते हुए 'सुपर सीरिज बैडमिंटन टूर्नामेंट' का खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई।
- 2010 में ऑल इंग्लैड बैंडमिटन के सेमीफाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव प्राप्त किया। उसके बाद चीन के 'लिन वांग' को जकार्ता में हराकर 'सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट' जीता।
- साइना अब तक तीन बार (2009, 2010 और 2012) इंडोनेशिया ओपन टूर्नामेंट जीत चुकी हैं।
- साइना नेहवाल ओलम्पिक 2012 में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं।
- 2012 में साइना नेहवाल ने डेनमार्क ओपन खिताब जीता।
सम्मान और पुरस्कार
- अर्जुन पुरस्कार (2009)
- राजीव गाँधी खेल रत्न (2009–2010)
- पद्म श्री (2010)
- पद्म भूषण (2016)
पदक रिकार्ड
- कांस्य पदक, बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप 2017
- विजेता, ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज 2016
- विजेता, इंडिया ओपन सुपर सीरिज 2015
- विजेता, चाइना ओपन सुपर सीरिज 2014
- विजेता, ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज 2014
- कांस्य पदक, उबेर कप 2014, दिल्ली
- कांस्य पदक, लंदन ओलंपिक 2012
- कांस्य पदक, एशियन चैंपियनशिप 2010, दिल्ली
- स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2010, दिल्ली (एकल)
- रजत पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2010, दिल्ली (मिश्रित)
- स्वर्ण पदक, वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप 2008, पुणे
- कांस्य पदक, राष्ट्रमंडल खेल 2006, मेलबर्न
बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक
भारत की साइना नेहवाल जापान की नोजोमी ओकूहारा के खिलाफ पहला गेम जीतने के बाद अपनी लय खो बैठीं और उन्हें विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में शनिवार को 21-12, 17-21, 10-21 से हारकर कांस्य पदक से से संतोष करना पड़ा। 12वीं सीड साइना को सातवीं वरीय ओकूहारा ने एक घंटे 14 मिनट तक चले मुकाबले में हराकर महिला एकल के फाइनल में प्रवेश कर लिया। साइना ने पहला गेम बड़ी आसानी से जीत लिया था, लेकिन फिर वे अपनी लय को कायम नहीं रख पाईं और उनके हाथ से दूसरी बार विश्व प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने का मौका निकल गया। साइना 2015 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं और तब उन्हें स्पेन की कैरोलिना मारिन से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। साइना का विश्व प्रतियोगिता में यह दूसरा पदक है।
समाचार
- 12 जून, 2016, रविवार
साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीता ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने 12 जून, 2016 रविवार को एक बार फिर कमाल करते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज पर क़ब्ज़ा कर लिया। साइना का साल का यह पहला खिताब है। साइना ने दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है। इससे पहले 2014 में भी उन्होंने यह खिताब जीता था। यह पहला मौका है जब पहली बार किसी खिलाड़ी ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है। सिडनी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में साइना ने चीन की सुन यू को 11-21, 21-14, 21-19 से हराया। 7.5 लाख डॉलर की इनामी राशि के टूर्नामेंट के फाइनल में साइना ने शुरुआत में लड़खड़ाने के बाद शानदार वापसी की। 70 मिनट तक चले इस मुकाबले में साइना ने अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना जीत का रेकॉर्ड और मजबूत किया। इससे पहले शनिवार को साइना ने चौथी वरीयता प्राप्त यिहान वांग को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें पायदान पर मौजूद साइना ने शनिवार को सिडनी में खेले गए मुकाबले में चीन की यिहान वांग को 21-8, 21-12 से हराया था। साइना पिछले साल 2 अप्रैल, 2015 को विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। उसने अगस्त में जकार्ता में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वह नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर के फाइनल में भी पहुंची लेकिन इसके बाद चोट के कारण उसका फॉर्म गिर गया। इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन, बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप में वह सेमीफाइनल में हारी। उसने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गईं।
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