सिंहिका कश्यप ऋषि की पत्नी तथा प्रजापति दक्ष की पुत्री दिति के गर्भ से उत्पन्न तीन संतानों में से एक थी। यह राहु की माता थी। सिंहिका का वध लंका जाते समय हनुमान द्वारा हुआ।[1]
- सिंहिका का विवाह दानव श्रेष्ठ विप्रचित्ति से हुआ था।
- विप्रचित्ति तथा सिंहिका के राहु आदि 101 पुत्र हुए थे।
- सिंहिका लंका के समीप समुद्र में रहती थी। वह उड़ते हुए जीवों को खींच लेती थी और उन्हें अपना ग्रास बनाती थी।
- लंका जाते समय हनुमान को भी सिंहिका ने अपना भोजन बनाना चाहा, किन्तु हनुमान द्वारा वह मारी गई।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
पौराणिक कोश |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संपादन: राणा प्रसाद शर्मा |पृष्ठ संख्या: 520 |
- ↑ रामचरितमानस, सुंदरकाण्ड, 2.1-3
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