सिद्धलिंगैया

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सिद्धलिंगैया

सिद्धलिंगैया (अंग्रेज़ी: Siddalingaiah, जन्म- 1954; मृत्यु- 11 जून, 2021) कन्नड़ भाषा में लिखने वाले एक भारतीय कवि, नाटककार और दलित कार्यकर्ता थे। वह बी. कृष्णप्पा के साथ 'दलित संघर्ष समिति' के संस्थापकों में से एक थे। उन्हें कन्नड़ में 'दलित-बंदया आंदोलन' शुरू करने और दलित लेखन की शैली शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।

  • सन 1988 में, 34 वर्ष की आयु में सिद्धलिंगैया कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य बने थे।
  • 2006 में वह कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बने। यह कैबिनेट रैंक के साथ एक पद है जो उन्होंने 2008 तक धारण किया।
  • सिद्धलिंगैया बैंगलोर विश्वविद्यालय में कन्नड़ विभाग के प्रमुख और कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी के विश्वविद्यालय सिंडिकेट के सदस्य रहे।
  • उन्हें दलित आंदोलन के प्रतीक और एक प्रमुख सार्वजनिक बुद्धिजीवी और कन्नड़ कवि के रूप में स्वीकार किया जाता है।
  • मशहूर कन्नड़ कवि सिद्धलिंगैया का 11 जून, 2021 को कोरोना महामारी की वजह से निधन हुआ। वह 67 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कवि सिद्धलिंगैया के निधन पर दु:ख जताया। उन्होंने टि्वटर पर लेखक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि- "उन्हें उनके विपुल लेखन, कविता और सामाजिक न्याय के लिए योगदान की खातिर याद किया जाएगा।"


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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