सुबाहु | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सुबाहु (बहुविकल्पी) |
सुबाहु हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र का पुत्र था। वह सौ कौरवों में से एक था।
जब महाभारत के युद्ध में पांडु पुत्र युधिष्ठिर के हित के लिये प्रयत्न करने वाले भरतवंशी महारथी युयुत्सु को सुबाहु ने प्रयत्नपूर्वक द्रोणाचार्य की ओर आने से रोक दिया, तब युयुत्सु ने प्रहार करते हुए सुबाहु की परिघ के समान मोटी एवं धनुष बाणों से युक्त दोनों भुजाओं को अपने तीखे और पानीदार दो छूरों द्वारा काट गिराया।[1]
इन्हें भी देखें: महाभारत, धृतराष्ट्र, कौरव एवं पांडव
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टीका टिप्पणी
- ↑ महाभारत द्रोण पर्व |अनुवादक: साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम' |प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 3175 |
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