सौत्रान्तिक

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सौत्रान्तिक एक मत है जिसका सम्बंध बौद्ध धर्म से है। यह मत हीनयान परंपरा का बौद्ध दर्शन है। इसका प्रचार श्रीलंका में है।

  • इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष अनुमान नहीं होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं।
  • सौत्रान्तिक पाठशाला की शुरुआत बौद्ध मुनि कुमारलात से मानी जाती है। ये बाह्यार्थ को अनुमेय मानते हैं। यद्यपि बाह्यजगत की सत्ता दोनों स्वीकार करते हैं, किन्तु दृष्टि के भेद से एक के लिए चित्त निरपेक्ष तथा दूसरे के लिए चित्त सापेक्ष अर्थात् अनुमेय सत्ता है।
  • इस मत में सत्ता की स्थिति बाह्य से अन्तर्मुखी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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