हलीमक का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार हलीमक वासुकि-कुलोत्पन्न एक नाग था, जो जनमेजय के सर्पसत्र में जल कर मर गया था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 550 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 57.5
संबंधित लेख