हिरण्यबाहु का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार वासुकि नाग के वंश में उत्पन्न एक नाग, जो जनमेजय के सर्पसत्र में होमा गया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 552 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 57.6
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