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'''इ''' [[देवनागरी लिपि|देवनागरी वर्णमाला]] का तीसरा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '[[ई]]' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।  
'''इ''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का तीसरा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '[[ई]]' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।  


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10:39, 25 नवम्बर 2016 का अवतरण

देवनागरी वर्णमाला का तीसरा स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।

विशेष-
  1. 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि।
  2. 'इ' की मात्रा 'ि' है जो व्यंजन के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में।

इ अक्षर वाले शब्द


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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