"इ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:इ.jpg|150px|right]]
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
|चित्र=इ.jpg
|चित्र का नाम=
|विवरण='''इ''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का तीसरा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है।
|शीर्षक 1=भाषाविज्ञान की दृष्टि से
|पाठ 1= 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '[[ई]]' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।
|शीर्षक 2=अनुनासिक रूप
|पाठ 2='इँ' (जैसे- इँचना, इँडुरी)
|शीर्षक 3=मात्रा
|पाठ 3='ि' (जैसे- कि, ति, रि)
|शीर्षक 4=व्याकरण
|पाठ 4= [ [[संस्कृत]] अ + इञ् ] [[पुल्लिंग]]- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[अ]], [[आ]], [[ई]], [[ओ]], [[औ]]
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''इ''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का तीसरा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '[[ई]]' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।  
'''इ''' [[देवनागरी वर्णमाला]] का तीसरा [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '[[ई]]' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।  


पंक्ति 5: पंक्ति 33:
# 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि।  
# 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि।  
# 'इ' की मात्रा 'ि' है जो [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में।
# 'इ' की मात्रा 'ि' है जो [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में।
 
# [ [[संस्कृत]] अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।
==इ अक्षर वाले शब्द==
==इ अक्षर वाले शब्द==
* [[इमली]]
* [[इमली]]

13:41, 26 नवम्बर 2016 का अवतरण

विवरण देवनागरी वर्णमाला का तीसरा स्वर है।
भाषाविज्ञान की दृष्टि से 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।
अनुनासिक रूप 'इँ' (जैसे- इँचना, इँडुरी)
मात्रा 'ि' (जैसे- कि, ति, रि)
व्याकरण [ संस्कृत अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।
संबंधित लेख , , , ,

देवनागरी वर्णमाला का तीसरा स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप '' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।

विशेष-
  1. 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि।
  2. 'इ' की मात्रा 'ि' है जो व्यंजन के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में।
  3. [ संस्कृत अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।

इ अक्षर वाले शब्द


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख