त्रिशूर
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त्रिशूर जिसे पहले 'त्रिचूर' नाम से जाना जाता था, त्रिशूर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है और जो मध्य केरल राज्य, दक्षिणी भारत में स्थित है। यह नगर एक व्यापक लैगून प्रणाली से 19 कि.मी. अंदर की ओर स्थित है।
- वाणिज्यिक और सांस्कृतिक केंद्र वाला त्रिशूर भारत के पश्चिम तट का प्राचीनतम नगर माना जाता है।
- 'त्रिशूर' के नाम का अर्थ है- छोटा पवित्र स्थल।
- केरल का यह नगर एक पर्वत खंड पर बने 'वटक्कुंठा मंदिर' के चारों ओर बसा हुआ है, जो यहाँ के एक वार्षिक उत्सव का केंद्र है।
- इस नगर के उद्योगों में सूती वस्त्र की बुनाई, साबुन निर्माण से जुड़े उद्योग, चावल, तेल और आरा मिलें शामिल हैं।
- त्रिशूर में 'कालीकट विश्वविद्यालय' से संबद्ध 13 महाविद्यालय, पुरातत्त्व एवं कला संग्रहालय और एक प्राणी उद्यान हैं।
- यहाँ पर गुरुवायुर स्थित श्रीकृष्ण का मंदिर एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है।
- यह नगर केरल के शेष महत्त्वपूर्ण शहरों और आंतरिक भागों से रेल एवं सड़क मार्गों से जुड़ा है।
- लगभग 3.032 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला त्रिशूर ज़िला भूतपूर्व कोचीन रियासत का हिस्सा था।
- त्रिशूर दक्षिण-पूर्व को छोड़कर मुख्यत: तटीय मैदानों में अवस्थित है। जहाँ पर यह पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्र के साथ मिलता है।
- चावल एवं नारियल यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं, किंतु यहाँ पर कुछ महत्त्वपूर्ण उद्योग भी हैं।
- वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या नगर निगम क्षेत्र में 3,17,474 तथा ज़िले में कुल 29,75, 440 थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, भाग-2 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका (इण्डिया) प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: कमलापति त्रिपाठी |पृष्ठ संख्या: 399 |