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'''चीनी का रोज़ा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chini Ka Rauza'') [[आगरा]], [[उत्तर प्रदेश]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह [[मुग़ल]] [[शाहजहाँ|बादशाह शाहजहाँ]] के मंत्री अल्लामा अफ़ज़ल ख़ान शकरउल्ला शिराज़ को समर्पित मक़बरा है।
 
'''चीनी का रोज़ा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chini Ka Rauza'') [[आगरा]], [[उत्तर प्रदेश]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह [[मुग़ल]] [[शाहजहाँ|बादशाह शाहजहाँ]] के मंत्री अल्लामा अफ़ज़ल ख़ान शकरउल्ला शिराज़ को समर्पित मक़बरा है।
  
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*[[एत्मादुद्दौला का मकबरा|एत्मादुद्दौला के मक़बरे]] से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित इस इमारत के ऊपर गोलाकार गुंबद है। इसे देखकर बताया जा सकता है कि यह [[आगरा]] की एकमात्र पारसी इमारत है।
 
*[[एत्मादुद्दौला का मकबरा|एत्मादुद्दौला के मक़बरे]] से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित इस इमारत के ऊपर गोलाकार गुंबद है। इसे देखकर बताया जा सकता है कि यह [[आगरा]] की एकमात्र पारसी इमारत है।
 
*गुंबद की भीतरी छत पर तस्‍वीरों और इस्‍लामिक लिखावट के चिह्न देखे जा सकते हैं।
 
*गुंबद की भीतरी छत पर तस्‍वीरों और इस्‍लामिक लिखावट के चिह्न देखे जा सकते हैं।
*गुंबद के ऊपर [[क़ुरान]] की कुछ आयतें भी खुदी हुई हैं।
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13:44, 31 मार्च 2017 का अवतरण

चीनी का रोज़ा मक़बरा

चीनी का रोज़ा (अंग्रेज़ी: Chini Ka Rauza) आगरा, उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के मंत्री अल्लामा अफ़ज़ल ख़ान शकरउल्ला शिराज़ को समर्पित मक़बरा है।

  • शकरउल्ला शिराज़ पारसी कवि और विद्वान थे, जो बाद में बादशाह शाहजहाँ के प्रधानमंत्री भी बने।
  • सन 1635 में बने इस ख़ूबसूरत मक़बरे का नाम इसको बनाने में इस्‍तेमाल हुए पत्‍थरों के नाम पर पड़ा।
  • यह मक़बरा उस समय के मुग़ल वास्‍तुशिल्‍प पर पारसी प्रभाव का दर्शाता है।
  • एत्मादुद्दौला के मक़बरे से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित इस इमारत के ऊपर गोलाकार गुंबद है। इसे देखकर बताया जा सकता है कि यह आगरा की एकमात्र पारसी इमारत है।
  • गुंबद की भीतरी छत पर तस्‍वीरों और इस्‍लामिक लिखावट के चिह्न देखे जा सकते हैं।
  • गुंबद के ऊपर क़ुरान की कुछ आयतें भी खुदी हुई हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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