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*मस्जिद में मलिक इब्न मोहम्मद की कब्र है जो मलिक इब्न दिनार के एक वंशज थे। यह मुसलामानों के लिए एक पवित्र स्थल है।
 
*मस्जिद में मलिक इब्न मोहम्मद की कब्र है जो मलिक इब्न दिनार के एक वंशज थे। यह मुसलामानों के लिए एक पवित्र स्थल है।
 
*इस प्राचीन मस्जिद को पूर्ण रूप से ख़ास मलाबार शैली में बनाया गया है।
 
*इस प्राचीन मस्जिद को पूर्ण रूप से ख़ास मलाबार शैली में बनाया गया है।
*ऐसा माना जाता है कि मलिक इब्न दीनार [[इस्लाम धर्म]] का प्रचार करने के लिए कासरगोड पहुंचे थे। तब उस समय कासरगोड के शासक राजा चेरमन पेरूमल इस्लाम धर्म से बहुत प्रभावित हुए एवं बाद में उन्होंने [[धर्म]] परिवर्तन कर इस्लाम को अपनाया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://hindi.nativeplanet.com/bekal/attractions/malik-deenar-mosque/ |title=मलिक दीनार मस्जिद|accessmonthday=20 जून|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=nativeplanet.com |language=हिंदी}}</ref>
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*ऐसा माना जाता है कि मलिक इब्न दीनार [[इस्लाम धर्म]] का प्रचार करने के लिए कासरगोड पहुंचे थे। तब उस समय कासरगोड के शासक राजा चेरमन पेरूमल इस्लाम धर्म से बहुत प्रभावित हुए एवं बाद में उन्होंने [[धर्म]] परिवर्तन कर इस्लाम को अपनाया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://hindi.nativeplanet.com/bekal/attractions/malik-deenar-mosque/ |title=मलिक दीनार मस्जिद|accessmonthday=26 जून|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=nativeplanet.com |language=हिंदी}}</ref>
 
*उर्स महोत्सव के दौरान कई पर्यटक और श्रद्धालू मलिक दीनार मस्जिद में आते हैं।
 
*उर्स महोत्सव के दौरान कई पर्यटक और श्रद्धालू मलिक दीनार मस्जिद में आते हैं।
  

11:03, 26 जून 2021 के समय का अवतरण

मलिक दीनार मस्जिद (अंग्रेज़ी: Malik Deenar Masjid) केरल के बेकल में स्थित है। यह केरल के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है। इस मस्जिद को औपचारिक तौर पर 'मलिक दीनार ग्रैंड जुमा मस्जिद' कहा जाता है।

  • इसका निर्माण मलिक इब्न दीनार ने थलंकरा में करवाया था।
  • मूल रूप से इसका निर्माण 642 ई. में हुआ और 1809 में इसका पुनर्निर्माण किया गया।
  • यह भारत की एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक मस्जिद है।
  • मस्जिद में मलिक इब्न मोहम्मद की कब्र है जो मलिक इब्न दिनार के एक वंशज थे। यह मुसलामानों के लिए एक पवित्र स्थल है।
  • इस प्राचीन मस्जिद को पूर्ण रूप से ख़ास मलाबार शैली में बनाया गया है।
  • ऐसा माना जाता है कि मलिक इब्न दीनार इस्लाम धर्म का प्रचार करने के लिए कासरगोड पहुंचे थे। तब उस समय कासरगोड के शासक राजा चेरमन पेरूमल इस्लाम धर्म से बहुत प्रभावित हुए एवं बाद में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम को अपनाया।[1]
  • उर्स महोत्सव के दौरान कई पर्यटक और श्रद्धालू मलिक दीनार मस्जिद में आते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मलिक दीनार मस्जिद (हिंदी) nativeplanet.com। अभिगमन तिथि: 26 जून, 2021।

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