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*अनेकों हिन्दी फिल्मों में भी सामता जी ने तबला वादन किया था।
 
*अनेकों हिन्दी फिल्मों में भी सामता जी ने तबला वादन किया था।
 
*भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार [[राहुल देव बर्मन]] उनके ही शिष्य थे।
 
*भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार [[राहुल देव बर्मन]] उनके ही शिष्य थे।
*अनेकों [[हिन्दी]] फिल्मों में उन्होंने तबला वादन किया था, जिनमें से कुछ फ़िल्में इस प्रकार हैं- 'झनक झनक पायल बाजे', 'मेरी सूरत तेरी आंखें', 'बसंत बहार', 'शोले'।
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*अनेकों [[हिन्दी]] फिल्मों में उन्होंने तबला वादन किया था, जिनमें से कुछ फ़िल्में इस प्रकार हैं- 'झनक झनक पायल बाजे', 'मेरी सूरत तेरी आँखेंं', 'बसंत बहार', 'शोले'।
 
*सामता प्रसाद को [[भारत सरकार]] ने सन [[1972]] में '[[पद्मश्री]]', [[1979]] में '[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]' और [[1991]] में कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए '[[पद्मभूषण]]' से सम्मानित किया गया था।
 
*सामता प्रसाद को [[भारत सरकार]] ने सन [[1972]] में '[[पद्मश्री]]', [[1979]] में '[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]' और [[1991]] में कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए '[[पद्मभूषण]]' से सम्मानित किया गया था।
  

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सामता प्रसाद

सामता प्रसाद (अंग्रेज़ी: Samta Prasad, जन्म- 20 जुलाई, 1921, वाराणसी; मृत्यु- 1994) प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीतकार तथा तबला वादक थे। उन्हें 'गुदई महाराज' के नाम से भी जाना जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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