अंकना
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अंकना - क्रिया सकर्मक (संस्कृत अङकन)[1]
1. निश्चित करना।
2. ठहराना।
3. आँकना।
- उदाहरण - इहै बात सांची सदा देव अंकी।[2]
4. ढकना ।
5. मुद्रित करना।
6. मूंदना ।
- उदाहरण - समझि दासि सिरवर तिन ढंक्यो। करपल्लव तिन द्रग बर अंक्यो।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 02 |
- ↑ पृथ्वीराजरासो, खंड 5, 2।211
- ↑ पृथ्वीराजरासो, खंड 5, 61।719