अक्ष:
अक्षः [अक्ष्+अच्-अश्+सः वा]
1. धुरी, धुरा
2. गाड़ी के बीच में लगा लकड़ी का वह भाग जिसमें लोहे या लकड़ी की वह छड़ फंसाई हुई होती है जिस पर पहिया चलता है।
3. गाड़ी, छकड़ा, पहिया।
4. तराजू की डंडी।
5. भौमिक अक्षांश।
6. चौसर, चौसर का पासा।
7. रुद्राक्ष
8. कर्ष नामक 16 माशे की एक तौल।
9. बहेड़े (विभीतक) का पौधा।
10. साँप
11. गरुड़
12. आत्मा
13. ज्ञान
14. कानूनी कार्य विधि, मुकदमा।
15. जन्मांध;-क्षं
- 1. इन्द्रिय, इन्द्रिय-विषय
- 2. सामुद्रिक लवण
- 3. नीला थोथा।
सम.-अग्रकील (-लकः) घुरे की कील-आवपनं चौसर का तख्ता,-आवापः जुआरी-कर्णः सम त्रिकोण में सामने की रेखा,-कुशल (विशेषण)-शाण्ड (विशेषण) जुआ खेलने में निपुण,-कूटः आँख की पुतली कोविद (विशेषण)-ज्ञ (विशेषण) चौसर खेलने में कुशल-ग्लहः जुआ खेलना, चौसर खेलना-जं
- 1. प्रत्यक्षज्ञान, संज्ञान
- 2. वज्र
- 3. हीरा-जः विष्णु;-तत्त्वं-विद्या जुआ खेलने की कला या विद्या;-दर्शकः- दृश्
- 1. न्यायाधीश
- 2. जुए का अधीक्षक;-देविन् जुआरी, जुएबाज;-द्यूतं चौसर का खेल, जुआ;-धूर्तः जुएबाज, जुआरी;-धूर्तिलः गाड़ी में जुता हुआ बैल या सांड-पटलं
- 1. न्यायालय
- 2. कानूनी दस्तावेजों के रखने का स्थान-पाटकः कानून का पंडित, न्यायाधीश;-पातः पासा फेंकना;-पादः गौतम ऋषि, न्यायदर्शन के प्रवर्तक या उसके अनुयायी:-भाग:-अंशः अक्षरेखा, अक्षांश।-भारः गाड़ीभर बोझ;-माला-सूत्र रुद्राक्षमाला, हार- कृतोऽक्षसूत्रप्रणयी तया करः- कृ. 5. -राजः जुए का व्यसनी, पासों में प्रधान, कलि नामक पासा;-वाटः जुआ-खाना, जुए की मेज;-वृत्तः पु. अक्षांश दर्शक वृत्त (विशेषण) जुए का आदती-हृदयं जुए में पूर्ण दक्षता या निपुणता।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 05 |
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